कर्णप्रयाग में तीन दिनों से धधक रहे जंगल, स्कूल और गांव तक पहुंची आग

कर्णप्रयाग। यहां सेमीग्वाड़ गांव के पास जंगल में तीन दिनों से लगी आग रविवार रात को और विकराल होकर स्कूल और गांव तक पहुंच गई थी, जिसे ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बुझा दिया। ग्रामीण रातभर आग बुझाने में लगे रहे। यहां ग्रामीणों ने एक जगह की आग बुझाई थी कि दूसरी तरफ सेमी गांव में फिर आग लग गई। आग से सैकड़ों पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो गए। सोमवार देर शाम तक वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे रहे। जंगल में चीड़ के पेड़ और पीरूल की अधिकता होने से वन विभाग भी आग पर काबू नहीं पा सका।
जंगल में आग लगने से हिंसक जानवरों का गांव में आने का खतरा बना है। कर्णप्रयाग के समीप सेमीग्वाड़ गांव के जंगल तीन दिनों से धधक रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि रविवार रात को आग स्कूल और गांव के पास आ गई। यह देख स्थानीय निवासी पानी और हरी टहनियां लाकर आग बुझाने में जुट गए। उन्हें जहां-जहां पीरूल दिखा, वह उसे हटाते गए और ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया।
ग्रामीणों ने बताया कि वहां आग बुझने के बाद बाद सेमी गांव में आग लग गई। वन विभाग के रेंजर विक्रम रावत ने दावा किया कि आग पर काबू पाने के बाद फिर असामाजिक तत्व जंगलों में आग लगा रहे हैं। सूचना मिलने पर कर्मचारी आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू हुआ, लेकिन वन विभाग को अभी से ही जंगलों के सुलगने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सर्दियों में भी आग की घटनाए सामने आई थीं। 

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