अप्रैल में जनवरी जैसी सर्द की सिहरन

  • लोग फिर से गर्म कपड़ों को बाहर निकालने को बेबश
  • बुग्यालों में छायी बर्फ की चादर, नीचले इलाकों में बारिश
  • बेमौसम बारिश खरीफ के लिए वरदान और रवि के लिए अभिशाप

थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिछले चार दिनों से पिंडर घाटी के निचले क्षेत्रों में रुक-रुककर बारिश होने और बुग्यालों में हिमपात के कारण अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में जनवरी के माह जैसी ठंड महसूस हो रही है। लगातार हो रही बरसात के कारण किसानों को रवि की तैयार फसलों को समेटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विपरीत मौसम का प्रभाव इन दिनों हो रही बारातों पर भी पड़ रहा हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। क्षेत्र के वेदनी, आली, बगजी, नवाली, मिनसिंग, दुलाम, डुंगिया बुग्यालों के साथ ही भैकलताल, झलताल, सुपताल, ब्रहमताल आदि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार बर्फबारी हो रही है। जिस कारण क्षेत्र में एक बार पुनः ठंड बढ़ गई है। आम लोगों को ठंड से बचने के लिए बाॅक्सों आलमारियों, दिवानों में बंद गर्म कपड़ों को बहार निकालने के लिए मजबूर होना पड़ गया है। एक तरह से बेमौसमी इस बरसात के कारण हालांकि खरीफ की फसलों के लिए बरदान माना जा रहा है। वही रवि की पक कर तैयार हो चुकी फसलों के लिए जारी बरसात अभिशाप माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर इसी तरह से कुछ और दिन बारिश जारी रही तो रवि की तैयार फसलों पर काफी अधिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। जिसे लेकर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी हैं। इधर इन दिनों क्षेत्रों में भारी तादाद में बारातों का सिलसिला शुरू हो गया है। विपरीत मौसम के चलते बारातों की व्यवस्था में जुटे नागरिकों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here