टिहरी। चंबा शहर के नीचे ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर पहली सुरंग बनाने का काम अंतिम चरण में है। बीआरओ ने आस्ट्रेलियाई तकनीक की मदद से 440 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया है। सुरंग के भीतर साज-सज्जा का कार्य पूरा होते ही नए साल में सुरंग से यातायात शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि चारधाम परियोजना सड़क चौड़ीकरण के तहत चंबा बाजार में कई भवन और दुकानें आड़े आ रही थी। जिससे भवनों और दुकानों को टूटने से बचाने के लिए बाजार के नीचे सुरंग बनाने के लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दी थी। सीमा सड़क संगठन ने नवीनतम आस्ट्रेलियाई तकनीक के प्रयोग से जनवरी 2019 में सुरंग का काम शुरू किया। मठियाण गांव की तरफ से सुरंग की खुदाई का काम शुरू होते ही पहाड़ी से निरंतर जल निकासी और कई मकानों में दरारें आने के कारण सुरंग का निर्माण काफी चुनौतीपूर्ण बना हुआ था, लेकिन तमाम चुनौतियों के बीच बीआरओ ने सुरंग निर्माण में सफलता हासिल कर ली है। अब सुरंग के भीतर साज-सज्जा का कार्य हो रहा है।
इसके बाद सुरंग को जगमगाने के लिए एलईडी लाइट लगाई जाएगी। साथ ही सुरंग के दोनों ओर फुटपाथ और उस पर रेलिंग लगाई जा रही है। वहीं सुरंग से यातायात शुरू होने से वाहनों का दबाव डायवर्ट होने से चंबा बाजार में आए दिन जाम नहीं लगेगा। साथ ही देश-विदेश से आने वाले चारधाम यात्री सरपट गंगोत्री-यमुनोत्री की यात्रा कर सकेंगे।
सुरंग के भीतर पेवमेंट क्वालिटी कंक्रीट (पीक्यूसी) की सड़क बनाई जा रही है, जिससे सुरंग के भीतर वाहनों के भारी लोड के बावजूद आसपास कंपन नहीं होगा। सुरंग के भीतर पानी की निकासी के लिए अलग से नालियां बनाई जा रही हैं। बीआरओ के चीफ इंजीनियर आशु राठौर ने बताया कि 40 करोड़ की लागत से चंबा बाजार के नीचे उत्तराखंड की पहली भूमिगत सुरंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। सुरंग के भीतर लाइटिंग और पैदल पथ सहित साज-सज्जा का कार्य किया जा रहा है। जनवरी अंत तक सुरंग यातायात के लिए खोलने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।