हरिद्वार: ईएसआई अस्पताल से रेफर मजदूर निजी अस्पताल में करा सकेंगे इलाज

  • केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र और सीएम धामी ने किया साइट का निरीक्षण

हरिद्वार। केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस रामेश्वर तेली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिडकुल हरिद्वार स्थित 300 बिस्तरों के कर्मचारी राज्य ईएसआई अस्पताल की साइट का निरीक्षण किया। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री यादव ने कहा कि अब ईएसआई अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने पर पैनल वाले अस्पताल में उपचार के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। एक बार में रेफर होने पर मरीज का संबंधित अस्पताल में उपचार हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि इससे पहले मरीज को पैनल वाले अस्पताल से अनुमति पत्र लाना होता था और इसके बाद ही रेफर किया जाता था। अब मरीज अस्पताल में जाकर अपना ईएसआई कार्ड पर उपचार करा सकेगा। इसके लिए जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय समाधान के लिए गठित किया गया है। इससे उत्तराखंड में वन भूमि विवादों का हल कर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा।
कार्यक्रम में कोरोना संक्रमण से मरने वाले श्रमिकों के आश्रितों को योजना के प्रमाणपत्र दिए गए। इस योजना में श्रमिकों के आश्रितों को मृतक के अंतिम वेतन का 90 प्रतिशत पैसा जीवनकाल तक मिलता रहेगा।

खटीमा और कोटद्वार में भी बनेंगे ईएसआई अस्पताल
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि ऊधमसिंह नगर जिले के खटीमा और पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार में भी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) के अस्पताल खोले जाएंगे। अस्पतालों में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हरिद्वार के सिडकुल में बनने वाले ईएसआई अस्पताल भवन के निर्माण संबंधी सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है। रुद्रपुर में 100 बेड के अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। उत्तराखंड सरकार की मदद से डॉक्टर और स्टाफ की कमी दूर की जाएगी। देहरादून और काशीपुर में अस्पताल स्वीकृत हैं। जल्द ही राज्य सरकार से जमीन मिल जाएगी। देहरादून में एक अतिरिक्त डिस्पेंसरी भी स्वीकृत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिडकुल में ईएसआई का 100 बेड का अस्पताल बनना था। आठ फरवरी 2014 को पूर्व सीएम हरीश रावत ने शिलान्यास किया, लेकिन इसके बाद अस्पताल का काम शुरू नहीं हो सका।

लंबित परियोजना को सुचारु कराने के लिए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव से आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री की ओर से न केवल अस्पताल निर्माण के लिए 297.63 करोड़ रुपये का बजट रखा गया बल्कि अस्पताल की बेड क्षमता 300 कर दी गई। अस्पताल भवन का निर्माण कार्य 30 नवंबर से शुरू होगा। इसके लिए 30 करोड़ जारी हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात मंजिला अस्पताल का काम 31 मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। बहुमंजिला पार्किंग बनाई जाएगी। 50 बेड सुपर स्पेशियलिटी के होंगे। इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री रामेश्वर तेली, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, डॉ. धन सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरानंद, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यसभा सदस्य नरेेश बंसल, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठौर, मेयर अनीता शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा मौजूद रहे।

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