पिंडर घाटी : भैकलताल, ब्रहमताल ट्रैंक रूट पर पर्यटकों की आमद से क्षेत्र में बढ़ी रौनक


थराली से हरेंद्र बिष्ट।
बीते वर्ष 2020 में पिंडर घाटी निवासी भी पूरी तरह से देश के अन्य क्षेत्रों की तरह ही हलकान रहे। हालांकि यहां के बाशिंदों को अक्टूबर का महीना शुरू होते ही काफी राहत मिलनी शुरू हो गई है। पर्यटन के लिहाज से तीन महीनों के दौरान काफी संख्या में पर्यटकों ने  भैकलताल, ब्रहमताल के प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार किया। आने वाले दिनों में आने वाले पर्यटकों की संख्या में और भी इजाफा होने की संभावना जताई जा रही हैं। जिससे पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं।
बीते मार्च के दूसरे पखवाड़े के बाद पूरे देश में फैले कोरोना वायरस का व्यापक प्रकोप के चलते इस क्षेत्र के थराली, नारायणबगड़ एवं देवाल ब्लाक के हजारों प्रवासी युवक भी बेरोजगार होकर अपने घरों को लौट आए थे। बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों की भी आमद बंद हो गई थी। जिससे पिछले लंबे समय से पर्यटन के जरिए अपनी आजीविका चला रहे टूरिस्ट पोटर, गाइड, घोड़े-खच्चर संचालक, होटल-मोटल स्वामियों के साथ ही इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसाई निराश थे।

उधर सितंबर 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट ने बुग्यालों में पर्यटकों के रात्रि विश्राम पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इसका सर्वाधिक प्रभाव इस क्षेत्र की प्रसिद्ध रूपकुंड की यात्रा पर पड़ा हैं। इस आदेश के बाद रूपकुंड ट्रैक की यात्रा पिछले दो सालों से लगभग पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है।
यहां पर बता दें कि रूपकुंड रूट पर पिछले एक-डेढ़ दशक के दौरान साहसिक पर्यटकों की संख्या में हजारों की बढ़ोतरी हुई थी। जिसके चलते पर्यटन को ही क्षेत्रीय जनता ने अपनी आजीविका का मुख्य स्रोत बना लिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस से जुड़े लोग बेरोजगार हो गए थे। किंतु भैकलताल, ब्रहमताल रूट ने इन्हें काफी हद तक सहारा देने का काम किया था जो अब भी जारी है। कोरोना का प्रकोप कुछ कम होने के बाद प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार करने वाले पर्यटकों ने एक बार फिर से भैकलताल, ब्रहमताल एवं घाट विकासखंड के झलताल, सुपताल का रूख करना शुरू कर दिया है।

पूर्व पिंडर रेंज देवाल के वन क्षेत्राधिकारी एवं मध्य पिंडर रेंज थराली का अतिरिक्त प्रभार देख रहे वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक सिंह बिष्ट ने बताया कि अक्टूबर से आज तक भैकलताल, ब्रहमताल ट्रैंक पर 1662 देशी विदेशी पर्यटक सैर कर चुके हैं। जबकि कुछ पर्यटक वेदनी बुग्याल तक भी गये किंतु इनकी संख्या कम ही रही। बताया कि आने वाले दिनों में इनकी संख्या में और भी इजाफा होने की संभावना बनी हुई हैं।
भैकलताल, ब्रहमताल ट्रैंक रूट पर विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बीते तीन महीनों के दौरान बढ़ रहे पर्यटकों की संख्या को देख स्थानीय लोगों के चेहरों पर रौनक छाने लगी हैं। माना जा रहा हैं कि बर्फबारी होने के दौरान इस संख्या में तेज वृद्धि हो सकती है।जोकि पर्यटन व्यवसायियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता हैं।

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