उत्तराखंड : …तो त्रिवेंद्र के नाम पर ही लड़ा जाएगा 2022 का चुनाव!

बहुत कठिन है डगर सियासत की

  • मुख्यमंत्री से नाराज बताये जा रहे भाजपा के दर्जनभर विधायकों ने नड्डा के सामने रखी ‘मन की बात’
  • सीएम की दौड़ में शामिल बताये जा रहे नेताओं ने 2022 का चुनाव त्रिवेंद्र के नाम पर लड़ने की कही बात
  • पांच राज्यों में विस चुनावों के नतीजों के बाद त्रिवेंद्र के भाग्य का फैसला लिये जाने की खबर भी हवाओं में

देहरादून/दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के भाग्य का फैसला पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद लिये जाने की खबर आ रही है। चौतरफा दबाव के बीच पार्टी इस समय कोई बदलाव कर चुनावी राज्यों में नकारात्मक संदेश देने से बचना चाहती है। दिलचस्प बात यह है कि ताजा घटनाक्रम में भावी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल बताये जा रहे सांसदों और नेताओं ने 2022 का चुनाव त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर लड़ने की बात कही है।
मुख्यमंत्री रावत से नाराज गुट के एक नेता ने मीडिया को बताया कि जब त्रिवेंद्र सिंह रावत को केन्द्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के रूप में आगे बढ़ाया तो किसी ने इसका खुलकर विरोध नहीं किया, हालांकि उस समय भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और ताउम्र कांग्रेसी रहे दलबदलू नेताओं को इससे खासी निराशा हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद की आलोचना करने या विरोध करने की उनकी कुव्वत नहीं थी और ऐसे सभी महत्वाकांक्षी असंतुष्ट नेताओं ने चुप्पी साध ली थी।
सूत्रों के अनुसार इन असंतुष्ट नेताओं को इस बात का भरोसा था कि देर सबेर वे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की कुर्सी छीन ही लेंगे, लेकिन एक साल बाकी बचा है और उनकी छटपटाहट बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर त्रिवेंद्र को सीएम पद से हटाया गया तो आने वाले चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ होने की पूरी आशंका है। दूसरी ओर अपने काम न करवा पाने की कसक के चलते ऐसे  नेता और कार्यकर्ता एकजुट होकर विद्रोह जैसी स्थिति पैदा करने की फिराक में हैं। क्योंकि अगर त्रिवेंद्र 2022 में फिर सीएम का चेहरा बनकर विधानसभा में पहुंच गये तो उनकी बंद ‘दुकान’ के ताले कभी खुल ही नहीं पाएंगे।।
अब चुनाव करीब आ गये हैं तो इसकी आड़ लेकर  नाराज सांसदों, मंत्रियों और विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। इसके पहले भी कई बार केन्द्रीय नेतृत्व से त्रिवेंद्र सिंह रावत के बारे में अंट शंट शिकायतें की गईं, लेकिन आलाकमान ने उन्हें नजरंदाज किया। अब मुख्यमंत्री के कार्यकाल के चार साल पूरे होने जा रहे हैं। जिसके जश्न की तैयारी चल रही है। ऐसे में इन असंतुष्टों को को लग रहा है कि अगर अब त्रिवेंद्र सिंह रावत को न हटाया गया तो अगले विधानसभा चुनाव में उनका सूपड़ा साफ हो सकता है, लिहाजा नाराज विधायक अब किसी भी कीमत पर अपनी ‘दुकान’ पर ताला लगाने को तैयार नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में चुनावी वर्ष ने दस्तक दे दी है। त्रिवेंद्र की कार्यशैली और किये गये विकास कार्यों की बदौलत भाजपा ने अपना दांव उत्तराखंड के एकमात्र सफल मुख्यमंत्री में गिने जाने वाले त्रिवेंद्र रावत के नाम खेलने का निर्णय ले लिया है। इसी को लेकर असंतुष्टों में खलबली मची हुई है और वे त्रिवेंद्र को हटाने के लिये किसी भी हद तक जाने को तैयार दिख रहे हैं। जबकि पार्टी ने उन्हें आगे रख चुनाव लड़ने का मन बना लिया, जिसको लेकर कई दौर की बैठक भी की जा चुकी है। त्रिवेंद्र सिंह रावत की नेतृत्व क्षमता के कायल आलाकमान ने एक तरह से उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव का चेहरा घोषित कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार देहरादून में केंद्रीय कोर ग्रुप की बैठक के बाद भाजपा के पर्यवेक्षकों दुष्यंत कुमार और रमन सिंह ने त्रिवेंद्र के काम को सराहा है।
आज सोमवार को दिल्ली में उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार ने सीएम रावत के काम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार के 4 साल सफलतापूर्वक पूरे हो गये हैं, जिसको लेकर त्रिवेंद्र सरकार जनता के बीच जाएगी। उत्तराखंड के जनमानस का मन है कि त्रिवेंद्र रावत 2022 में फिर आने चाहिए।  रावत की सरकार सुशासन वाली सरकार है जिन्होंने आयुष्मान कार्ड, पानी, सड़क को लेकर काफी काम किया है।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने साफ कहा कि भाजपा का फेस त्रिवेंद्र रावत हैं और उन्हीं के नेतृत्व में 2022 में पार्टी सारे मिथकों को तोड़कर दुबारा सत्ता में आएगी। त्रिवेंद्र रावत के काम के दम पर जनता भाजपा को फिर चुनेगी। गौरतलब है कि 18 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार के 4 साल पूरे होने जा रहे है जिसको लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने सरकार के कामकाज की रिपोर्ट जनता तक पहुंचाने को कहा है। भगत ने कहा, त्रिवेंद्र सरकार ने अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं शुरु की हैं, जिनका फायदा जनता को मिल रहा है। त्रिवेंद्र सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाया जाएगा।
प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट ने भी आगामी विधानसभा चुनाव को सीएम त्रिवेंद्र रावत के चेहरे पर लड़ने की बात कही है। भट्ट ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता के हित में दिन रात काम कर रहे है और उन्हीं के नेतृत्व में 2022 का चुनाव लड़ा जाएगा। जिसमें भाजपा फिर प्रचंड जनमत के साथ सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उत्तराखंड को मिला है। डबल इंजन की सरकार से जनता को काफी फायदा हो रहा है और ऐसे में 2020 में कोई भी दल भाजपा के सामने टिकता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।
दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल व अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह की कार्यशैली और विकास कार्यों की खुलेमन से सराहना कर यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड की सियासत में त्रिवेंद्र सिंह का कोई सानी नहीं है। हरीश रावत समेत अन्य ने रैणी क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भी सीएम त्रिवेंद्र के प्रयासों की सराहना की। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here