चमोली : खतरे के साये में जी रहे देवलीबगड़ और सोनला गांव के लोग

चमोली। जिले के देवलीबगड़ और सोनला गांव को अलकनंदा और गदेरे के कटाव से खतरा बना हुआ है। स्थिति यह है कि भारी बारिश होने पर ग्रामीण घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हैं। प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अलकनंदा व गदेरे की ओर से बाढ़ सुरक्षा कार्य करने की मांग की गई, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि बदरीनाथ हाईवे पर स्थित सोनला गांव में एससी-एसटी के लगभग 50 परिवार रहते हैं। पिछले कुछ समय से मकानों के ऊपर से भूस्खलन हो रहा है। मंगरोली गांव के पूर्व प्रधान तेजवीर कंडेरी, सुमन सजवाण, अनसूया सजवाण, थान सिंह, करण सिंह और पार्वती देवी का कहना है कि गांव की अलकनंदा नदी से सुरक्षा के लिए कई बार सिंचाई विभाग और प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
वहीं देवलीबगड़ गांव को भी अलकनंदा और गांव के समीप ही बह रहे गदेरे से खतरा बना हुआ है। ग्रामीण मोहन सिंह राणा और देव सिंह का कहना है कि हर साल भूस्खलन से गांव में कृषि भूमि व भवनों को नुकसान पहुंचता है। एससी-एसटी वाले गांवों के लिए स्पेशल कंपोनेंट प्लान से बाढ़ सुरक्षा व अन्य कार्यों के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाता है, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्रतिवर्ष यह बजट सिंचाई विभाग व जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से सरेंडर कर दिया जाता है। ग्रामीणों ने एससीपी (स्पेशल कंपोनेंट प्लान) के तहत बाढ़ सुरक्षा कार्य करने की मांग उठाई है।

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