घाट के लोगों ने 19 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाकर जताई नाराजगी

महिपाल गुसाईं।
गोपेश्वर।
उत्तराखंड की आराध्य मां नंदा देवी का मायका माने जाने वाले घाट विकासखंड की मुख्य मोटर सड़क नंदप्रयाग-घाट का चौड़ीकरण, सुधारीकरण एवं डामरीकरण को लेकर क्षेत्रीय जनता के पिछले डेढ़ माह से आंदोलित रहने के बाद भी ठोस कार्रवाई पर आज रविवार को करीब 19 किमी मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया।
दरअसल घाट ब्लाक को नंदा राजराजेश्वरी भगवती का मायका माना जाता हैं। प्रत्येक 12 वर्ष अथवा लग्नानुसार विश्व की सबसे लंबे पैदल यात्रा श्री नंदा राजजात यात्रा का प्रमुख केन्द्र के साथ ही प्रत्येक वर्ष भादों मास में आयोजित होने वाली श्री नंदा लोक जात यात्रा का आगाज इस ब्लाक के नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से होता है। सिद्धपीठ के कारण ही प्रति वर्ष हजारों की संख्या में यहां पर देवी भक्तों का आना जाना लगा रहता हैं। पूरा घाट प्रखंड धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन उचित यातायात सुविधा के अभाव में स्थानीय निवासियों के साथ ही यहां आने वाले देवी भक्तों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
गौरतलब है कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 19 किमी मोटर सड़क की स्थिति आज भी बदहाल बनी हुई हैं। 55 ग्राम पंचायतों वाले घाट ब्लाक मुख्यालय तक 1962 में सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तबसे इस में थोड़ा बहुत सुधार के अलावा कुछ अधिक नहीं हुआ हैं। दशकों से भूस्खलन, बाढ़, सड़क कटाव सहित तमाम अन्य दिक्कतों के चलते इस सड़क की स्थिति बद से बद्तर हो गई हैं। आज रविवार को घाट प्रखंड की 55 ग्राम सभाओं के नर-नारियों की भागीदारी से बनी अभूतपूर्व मानव श्रृंखला ने अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया है।
पिछले लंबे समय से घाट क्षेत्र की जनता नंदप्रयाग-घाट 19 किमी मोटर सड़क को डेढ़ लाइन बनाने के अलावा इसके सुधारीकरण एवं डामरीकरण की मांग विभिन्न मंचों से उठाती आ रही है, किन्तु आज दिन तक उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 14 अगस्त 2017 को पुलिस लाईन गोपेश्वर में ही इस सड़क के चौड़ीकरण एवं डामरीकरण की घोषणा की थी, जिस पर उन्होंने 14 सितंबर 2017 को ही 1 करोड़ 28 लाख 44 हजार रुपयों की वित्तीय स्वीकृत दे दी थी। इसके अलावा 15 अक्टूबर 2018 को इस सड़क को डेढ़ लाईन बनाये जाने की भी स्वीकृति देने की बात कागजों में तों की जा रही हैं, पर विभाग की लापरवाही से अब तक धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा है।
इस सड़क के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर गत वर्ष 4 दिसंबर से क्षेत्रीय जनता ने व्यापार संघ घाट व टैक्सी यूनियन घाट के सहयोग से ब्लाक मुख्यालय घाट में आंदोलन शुरू कर दिया। जो आज रविवार को मानव श्रृंखला के रूप में सड़कों पर नजर आया। पूरे प्रखंड के 55 ग्राम सभाओं के लोगों की एकजुटता से इसके लिये जिम्मेदार विभाग में हड़कंप मच गया है।

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