देहरादून। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में आज शुक्रवार को बड़ी खबर सामने आ रही है। यूकेएसएसएससी के चेयरमैन पूर्व आईएएस अधिकारी एस राजू ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने पेपर लीक मामले में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है।
गौरतलब है कि अभी यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले की एसटीएफ जांच कर रही है और इस मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के बाद से ही आयोग पर सवाल खड़े हो रहे थे। पूर्व सीएम ने भी आयोग को भंग करने की सलाह दी थी। जिसके बाद आज आयोग के अध्यक्ष राजू ने इस्तीफा दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने दिसंबर 2021 में 4 और 5 दिसंबर ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित करवाई थी। जिसमें 916 पदों पदों के लिए तकरीबन 1 लाख 90 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी. इस परीक्षा का रिजल्ट भी आउट हो गया था। जिसके बाद डॉक्यूमेंटेशन की कार्रवाई चल रही थी. लेकिन तभी एसटीएफ ने इस परीक्षा में पेपर लीक का खुलासा कर दिया। बताया जा रहा है कि इसमें से कई सारे ऐसे अभ्यर्थी हैं जो 10 से 15 लाख रुपए रिश्वत देने के बाद पेपर के जरिए इस परीक्षा को पास करके आए हैं। ऐसे में पुलिस अपनी जांच कर रही है। आयोग द्वारा भी यह मामला चिन्हीकरण का बताया जा रहा है। लिहाजा इस मामले में परीक्षा रद्द होगी, ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी।
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आयोग द्वारा 2017 से 2021 तक आयोजित परीक्षाओं में सबसे ज्यादा विवाद और गड़बड़ियों में एलटी पेपर, वन दारोगा भर्ती, ग्राम विकास अधिकारी, 2021 स्नातक स्तर की परीक्षा रही। जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, सुपरवाइजर, असिस्टेंट मैनेजर, पंचायत अधिकारी, डाटा एंट्री जैसे 854 पदों वाली भर्ती सबसे ज्यादा विवादों में रही. हालांकि इन गड़बड़ियों वाली परीक्षाओं के विषय में मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को जेल भेजा जा चुका है, मगर अभी तक आयोग से संबंधित किसी बड़े अधिकारी या इस तरह के मामलों के मास्टरमाइंड पर शिकंजा नहीं कसा गया है। राजू 23 सितंबर 2016 को यूकेएसएसएससी के चेयरमैन बने थे। राजू से पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के चेयरमैन डॉ. आरबीएस रावत थे। रावत के इस्तीफा देने के बाद एस राजू को जिम्मेदारी दी गई थी। तब से लेकर अभी तक आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं।