उत्तराखंड : कोरोना से जुड़े बिल एकत्रित करने को चलेगा अभियान

देहरादून। पूरे देश में कोरोना ने अपनी दोनों-लहरों में लाखों लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया। अब तक भारत मे 3.42 करोड़ लोग कोरोना का शिकार हुए। लोगो को जान-माल हानि के साथ-साथ आर्थिक मार भी झेलनी पड़ी है। लोगों ने अपने परिजनों को बचाने के लिये प्राइवेट अस्पतालों में अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। उत्तराखंड में भी 3.44 लाख लोग कोरोना के शिकार हुए।

कोरोनाकाल में केंद्र सरकार द्वारा जून 2020 में प्राइवेट अस्पतालों के कोरोना मरीजों हेतु चार्ज सुनिश्चित किया गया था। इसके बावजूद कई राज्यो के मरीजों से बहुत ज्यादा रुपये के बिल वसूले गये। कोरोना मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों द्वारा अत्यधिक ख़र्च की प्रतिपूर्ति – आमजन को पैसे वापसी” के लिये देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई। सुप्रीम कोर्ट की संयुक्त पीठ ने इस याचिका के प्राइवेट हॉस्पिटल के अत्यधिक बिल चार्ज करने की अनियमितताओं, मरीजों को रिफंड जारी करने व पूरे देश के लिये सुनिश्चित गाइडलाइंस जारी करने विषय में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में बताया था कि पूरे देश में प्राइवेट अस्पतालों के लिये जून 2020 में गाइडलाइन जारी कर कोरोना मरीजों हेतु चार्ज सुनिश्चित किया गया था। जिसके आधार पर समय-समय पर केंद्र और सभी राज्यों द्वारा कोरोना मरीजों के एक-समान दरों की गाइडलाइन जारी की गई थी। फिर भी देश भर के लोगों ने अत्यधिक बिल की समस्या को उठाया किंतु विशेष राहत नही मिली। कोरोना शुरू होने से अब तक देशभर में लगभग 1 करोड़ लोगों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों का रुख लेना पड़ा और अधिकतर लोगों को गाइडलाइंस से अधिक बिल की मार झेलनी पड़ी।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा 2 सितंबर 2020 को जारी गाइडलाइंस में कोरोना मरीजों हेतु प्राइवेट अस्पतालों में यह चार्ज प्रतिदिन का निर्धारित था। यथा- ऑक्सीजन बेड- 8-10 हजार रुपये, आईसीयू- 13-15 हजार रुपये व वेंटिलेटर बेड- 18 हजार रुपये, जिसमे पीपीई किट, दवाइयां, बेड, जाँच इत्यादि सब ख़र्चे युक्त थे। फिर भी राज्य में कई अस्पतालों ने मरीजों से लाखों रुपये के बिल वसूले गये। अतः इन सबके दृष्टिगत प्रदेश में कोरोना मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों द्वारा अत्यधिक ख़र्च की प्रतिपूर्ति – आमजन को प्राइवेट अस्पतालों से पैसे वापसी के लिये याचिकाकर्ता ने अपने साथियों के साथ प्रदेश भर में अभियान चलाकर लोगों के बिल एकत्रित कर, उनकी बिल प्रतिपूर्ति का विषय सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया जाएगा।
याचिकाकर्ता थापर ने बताया कि इन्ही नियमानुसार हजारों कोरोना पीड़ितों को प्राइवेट अस्पतालों द्वारा पुणे में 6 करोड़ और तेलंगाना में 3 करोड़ रुपये वापस हुए है। इसी आधार पर उत्तराखंड के कोरोना पीड़ितों के अधिक बिल प्रतिपूर्ति हेतु सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में भी लाया जाएगा। उत्तराखंड के कोरोना पीड़ितों के अत्यधिक बिल एकत्रित अभियान में अभिनव थापर के साथ उत्तरकाशी से सामाजिक कार्यकर्ता विजयपाल रावत, हिमालय बचाओ आंदोलन से समीर रतूड़ी, सामाजिक कार्यकर्ता अमित पंत, संग्राम सिंह पुंडीर और टिहरी से राज्य आंदोलनकारी देवेंद्र नौडियाल ने प्रेस वार्ता में प्रतिभाग किया औऱ इस अभियान को पूरे प्रदेश में चलाने का संकल्प लिया।
कोरोना बिल एकत्रित हेल्पलाइन : थापर ने उत्तराखंड के सभी कोरोना पीड़ितों के लिये हेल्पलाइन नम्बर व ईमेल जारी किया है। जिस पर कोई भी व्यक्ति अपने या अपने दोस्त/रिश्तेदारों/जानकारों के हॉस्पिटल, दवाई के बिल, कोरोना की रिपोर्ट व डिस्चार्ज summary – whatsapp या ईमेल कर सकते है:
व्हाट्सएप नम्बर – 9870807913
ईमेल id- [email protected]

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