युवाओं की तकदीर बदल देगा पहाड़ों का शहद : दर्शन दानू

सराहनीय पहल

  • देवाल विकासखंड के अंतर्गत मंदोली में आयोजित 10 दिवसीय विशेष मौन पालन प्रशिक्षण का समापन
  • एडीएम बर्निया और सीडीओ पांडे ने प्रवासियों से कहा, उन्हें स्वरोजगार देने के लिए पूरी मदद देगा प्रशासन

थराली से हरेंद्र बिष्ट।
देवाल विकासखंड के अंतर्गत मंदोली में आयोजित 10 दिवसीय विशेष मौन पालन प्रशिक्षण का आज रविवार को समापन हो गया। इस प्रशिक्षण के दौरान मौन पालन की सिखाई गई तकनीकी का लाभ उठाते हुए प्रशिक्षित अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे।
मंदोली में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान चमोली द्वारा आयोजित 10 दिवसीय विशेष मौन पालन प्रशिक्षण शिविर के समापन मौके पर अपर जिलाधिकारी मोहन सिंह बर्निया एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसा दत्त पांडे ने कहा कि वर्तमान में जब पूरा विश्व कोविड -19 से बुरी तरह जूझ रहा हैं और रोजगार के तमाम अवसर समाप्त होते जा रहे हैं। ऐसे समय में स्वरोजगार ही जीवनयापन का जरिया शेष बचा हुआ हैं। उत्तराखंड पर भी विश्वव्यापी कोरोना महामारी का व्यापक असर हुआ हैं। हजारों युवा देश के तमाम राज्यों से बेरोजगार होकर अपने घरों को लौटने पर मजबूर हुए हैं। ऐसे में वे अपने घरों में रहकर ही वहां मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर स्वरोजगार को अपनाते हुए अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मौन पालन के अलावा, मत्स्य पालन, कुकुट पालन, भेड़, बकरी पालन, पशुपालन सहित कई अन्य क्षेत्र ऐसे हैं, जिनको अपनाकर युवा अपने साथ ही कई अन्य बेरोजगारी को भी रोजगार दे सकते हैं। केवल ईमानदारी के साथ मेहनत करनी होगी। स्वरोजगार के लिए कई योजनाएं राज्य के अंदर संचालित हो रही हैं। जिनमें काश्तकारों, लघु एवं कुटीर उद्योगों लगाने के इच्छुक व्यक्ति को कई तरह की सुविधा देने का प्रावधान है। उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का भरपूर लाभ उठाने की ग्रामीणों से अपील की।
इस मौके पर देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि देवाल जैसा ब्लाक जहां पर प्रकृति ने तमाम तरह के संसाधन उपहार स्वरूप प्रदान किए हैं। यहां तो केवल इस बात की जरूरत है कि इसका वैज्ञानिक रूप से विदोहन किया जाए। उन्होंने बताया कि इस ब्लाक में प्रति वर्ष सैकड़ों किलो शुद्ध एवं दुर्लभ मधुमक्खी का शहद पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में घरों से लेकर जंगलों में तक उपलब्ध होता हैं किन्तु इसका वैज्ञानिक तरीके से विदोहन ना होने के कारण लोगों को अपेक्षित लाभ नही मिल पा रहा है। ऐसे में जो युवा वैज्ञानिक तरीके से बताई गई तकनीकी से मौन पालन के क्षेत्र में आगे कदम बढ़ाएंगे तो निश्चित ही वे साल में अच्छी कमाई कर सकते हैं।
सवाड़ जिला पंचायत वार्ड की सदस्य आशा धपोला एवं प्रधान संगठन देवाल के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में मिलने वाला शहद मात्र अन्य क्षेत्रों में पाये जाने वाले शहद की तरह नहीं है, बल्कि यहां का शहद जहां एक ओर औषधीय गुणों वाले शहद की श्रेणी में आता है, वहीं इसका मूल्य भी बाकी शहद की अपेक्षा काफी अधिक है।
इस अवसर पर ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान चमोली के निदेशक अभिषेक कुमार, देवाल के खंड विकास अधिकारी पन्ना लाल, ज्येष्ठ प्रमुख संगीता बिष्ट, मंदोली के ग्राम प्रधान आनंद बिष्ट, पूर्णा प्रधान मनोज कुमार, प्रकाश कुनियाल आदि ने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर अतिथियों ने प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र प्रदान किये दिए।
इस मौके पर एडीएम बर्निया एवं सीडीओ पांडे ने क्षेत्र में कोरोना के कारण अपने रोजगार को छोड़कर मजबूरन लौटे प्रवासियों से मिल कर उनकी वर्तमान की दिनचर्या के बारे में चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि उन्हें रोजगार के नये अवसर खोजने के लिए प्रशासन हर संभव मदद करने के लिए तैयार है। प्रवासी अपने हुनर का प्रयोग यही पर स्थाई रूप से रह कर सकते हैं। जिसमें उनकी पूरी सहायता की जाएगी।

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