वक्त की हर शै गुलाम…
- एक सप्ताह पहले मुख्य सचिव से सामान्य विधायक की हैसियत से मुलाकात के दौरान धामी की हो गई थी बहस
- समय का पहिया घूमा और एक हफ्ते बाद पुष्कर सिंह बने सीएम तो बड़े मायूस होकर धामी के ‘कूचे’ से निकले ओमप्रकाश
देहरादून। फिल्म वक्त का यह संदेशपरक गाना ‘वक्त की हर शै गुलाम…’ उत्तराखंड के सियासी घटनाक्रम पर चरितार्थ होता दिख रहा है। देवभूमि का निजाम बदलते ही मुख्य सचिव पद से ओमप्रकाश की विदाई हो गई। कहा जा रहा है कि ओमप्रकाश ने अपनी विदाई की पटकथा एक हफ्ते पहले खुद ही लिख ली थी।
बताया जा रहा है कि करीब एक सप्ताह पहले जब खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री नहीं थे और वह एक सामान्य विधायक की हैसियत से मुख्य सचिव ओमप्रकाश से उनके विधानसभा क्षेत्रों से जुड़े कुछ कामों को लेकर मिलने आए थे, तो मुख्य सचिव से उनकी बहस हो गई थी। अचानक समय का पहिया घूमा और एक हफ्ते बाद पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद ओमप्रकाश की रातों की नींद और दिन का चैन गायब हो गये। इसी के साथ धामी ने पद संभालते ही ओमप्रकाश की मुख्य सचिव पद से छुट्टी कर दी। अब 1988 बैच के आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह संधू मुख्य सचिव के तौर पर सेवाएं देंगे। आज मंगलवार से नए मुख्य सचिव ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस तरह प्रदेश में नेतृत्व बदलते ही अफसरों को रिलीव करने और नई पोस्टिंग देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि शनिवार को जब पुष्कर सिंह धामी को नया मुख्यमंत्री घोषित किया गया तो उनकी ही पार्टी के कई मंत्री-विधायकों के चेहरे लटक गए थे। ऐसी ही निराशा पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश के चेहरे पर भी दिखाई दे रही है।
जैसे ही उनकी मुख्य सचिव पद से विदाई की खबर आई, उनका चेहरा लटक गया। ओम प्रकाश तकरीबन एक साल तक उत्तराखंड के मुख्य सचिव रहे। आज मंगलवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर ओम प्रकाश ने नए मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू को कार्यभार सौंप दिया। इस दौरान उनका चेहरा उतरा हुआ था। चेहरे के भाव मन में छिपी निराशा को साफ बयां कर रहे थे। देखिए वीडियो ( साभार- dailyuttarakhandnews )