थराली से हरेंद्र बिष्ट।
चिन्हित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी समिति (पंजीकृत) के केंद्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट कर उन्हें आंदोलनकारियों की विभिन्न मांगों से संबंधित 6 सूत्री मांग पत्र सौंपा। जिस पर सीएम ने सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने सीएम से भेंट कर राज्य आंदोलनकारियों की विभिन्न समस्याओं से रूबरू करवाते हुए उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए ज्ञापन में राज्य आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिए जाने, राज्य आंदोलनकारियों को दी जाने वाली पेंशन में सम्मानजनक वृद्धि किए जाने, राज्य आंदोलनकारी एक्ट बनाते हुए उसे लागू किए जाने, वर्ष 2017 तक चिन्हित आंदोलनकारियों को परिचय पत्र व पेंशन दिए जाने, किन्हीं कारणों से चिन्हीकरण से वंचित रह गए आंदोलनकारियों का साक्ष्यों के आधार पर पुनः चिन्हीकरण किए जाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने, राज्य आंदोलनकारियों को पूर्व की भांति ही राज्य सरकार की नौकरियों में दिए जा रहे 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को पुनः बहाल किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से ठोस पैरवी किए जाने एवं फैसला आने तक राज्य के अंदर उपनल के जरिए आउट सोर्सिंग के माध्यम से दी जा रही नौकरियों में आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को वरीयता के साथ समायोजित करने का शासनादेश जारी किए जाने की मांग की गई हैं। इन सभी मांगों पर सीएम ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर कार्रवाई का केंद्रीय अध्यक्ष को आश्वासन दिया है। इस मौके पर आंदोलनकारी नरेंद्र गुसाईं, जगदीश खड़ायत, विनोद नेगी आदि मौजूद थे।