उत्तराखंड : पहाड़ों में सर्दी के सितम से जीना हुआ मुश्किल

  • केदारनाथ में ठंड के चलते कई मजदूर लौटे वापस
  • मिनी स्विटजरलैंड चोपता में बर्फबारी नहीं होने से पर्यटन व्यसाय चैपट

रुद्रप्रयाग। पहाड़ों में बिना बारिश के कड़ाके की ठंड पड़ रही है। यहां इंसान तो क्या जानवर भी अलाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में अब सब कुछ जमने लग गया है। जनवरी जैसा ठंडा महीना चल रहा है, लेकिन धाम में बर्फबारी नहीं हो रही है। बर्फबारी नहीं होने से यहां ठंड का सितम अधिक बढ़ गया है। ठंड के चलते धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हो गये हैं और कई मजदूर नीचे लौट आये हैं। इसके अलावा मिनी स्विटजरलैंड चोपता में बर्फबारी नहीं होने से सैलानी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में पर्यटन व्यवसाय भी ठप पड़ चुका है।
पहाड़ों में इन दिनों ठंड का सितम जारी है। बिना बारिश के कोरी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। जहां-जहां लोग गांव से लेकर बाजारों में अलाव का सहारा ले रहे हैं। बाजार में घूमने वाले आवारा पशु भी आग के निकट आ रहे हैं। ठंड का सितम इतना अधिक है कि प्रातः सात बजे खुलने वाला रुद्रप्रयाग बाजार अब दस बजे खुल रहा है। ठंड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से लोग बाजार का रूख भी नहीं कर रहे हैं।
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में पिछले वर्षों की तुलना में इस बार बर्फबारी नहीं हो रही है। केदारनगरी पिछले वर्षों तक इन दिनों पांच फीट से अधिक बर्फ से ढ़की रहती थी, लेकिन इन दिनों धाम में एक इंच भी बर्फ नहीं है। धाम में ठंड इतनी अधिक बढ़ गई है कि वहां पेयजल के पाइप और नाले भी जमने लग गये हैं। ठंड के कारण केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी अब प्रभावित हो गये हैं। पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूर अब नीचे लौटने लग गये हैं।
इसके अलावा इस बार मिनी स्विटजरलैंड चोपता में भी बर्फबारी नहीं हुई है, जिस कारण स्थानीय पर्यटन व्यवसाय भी चैपट हो गया है। पिछले साल की बात की जाए तो जनवरी माह में तृतीय केदार तुंगनाथ से लेकर चोपता में अच्छी खासी बर्फ जमी रहती थी, लेकिन इस बार बुग्यालों में बर्फ नहीं गिरी है। ऐसे में पर्यटक भी मिनी चोपता दुगलबिट्टा में पर्यटक नहीं पहुंच रहे हैं और स्थानीय व्यापारियों में मायूसी छाई हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here