उत्तराखंड रोडवेज में 5 माह से नहीं मिली पगार, 106 बसें बेची, 120 की नीलामी शुरू

देहरादून। बुरी तरह आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवहन निगम को नए एमडी आशीष चौहान ने आते ही 106 बसों की नीलामी कर दी है। अब 120 और बसों की नीलामी की जा रही है। ये सभी कंडम बसें कई साल से खड़ी हुई हैं।
कोरोना की पहली लहर के बाद जैसे ही लॉकडाउन शुरू हुआ था, वैसे ही परिवहन निगम का घाटा भी बढ़ना शुरू हो गया था। अनलॉक शुरू हुआ तो कुछ कमाई भी शुरू हुई। दूसरी लहर में शुरू हुए कोविड कर्फ्यू ने परिवहन निगम को आर्थिक रूप से बेहद नीचे पहुंचा दिया। हालात यह हैं कि पांच महीने से अधिकारियों-कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। नए एमडी आशीष चौहान ने कुर्सी संभालते ही कई साल से कंडम खड़ी निगम की बसों की नीलामी शुरू की और दो करोड़ 22 लाख रुपये में 106 बसें बेची जा चुकी हैं।
चौहान ने बताया कि अब 120 और बसों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे भी करीब ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये की कमाई होगी। यह करीब पांच करोड़ की रकम वेतन देने के लिए तो पर्याप्त नहीं है लेकिन निगम के तमाम खर्चों में इससे बड़ा सहारा लगेगा। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर 20 करोड़ रुपये की फाइल चल रही है। मंगलवार को वह दोबारा इस संबंध में वार्ता करेंगे। जैसे ही बजट मिलेगा, तुरंत कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाएगा।
यूपी सहित दूसरे राज्यों में बस संचालन की उम्मीद कर रहे उत्तराखंड परिवहन निगम को फिर झटका लगा है। यूपी ने इस रोक को 21 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। दरअसल, कोविड कर्फ्यू के चलते यूपी, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल, चंडीगढ़ सहित तमाम राज्यों के लिए परिवहन निगम का बस संचालन ठप पड़ा हुआ है।
यूपी सरकार ने बीते सप्ताह इस रोक को 15 जून तक के लिए बढ़ाया था। सोमवार को उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार दूसरे राज्यों के बस संचालन को अनुमति देगी, लेकिन नहीं मिली। फिलहाल उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन केवल अपने राज्य के भीतर ही होगा। दूसरे राज्यों के लिए नहीं होगा। इस बीच परिवहन निगम में कर्मचारियों को नियम विरुद्ध एसीपी मामले की जांच आगे बढ़ने लगी है। टास्क फोर्स ने काम शुरू कर दिया है। शुरुआत में 300 कर्मचारियों के एसीपी की जांच कर खामियां दूर की गई हैं। परिवहन निगम में शासन स्तर से विशेष ऑडिट कराने के बाद करीब एक हजार कर्मचारियों को गलत तरीके से एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (एसीपी) का लाभ देने का मामला सामने आया था। 
अभी तक इस मामले में 300 कर्मचारियों के एसीपी की जांच की गई है। टास्क फोर्स के सदस्य मुकेश सिंह ने बताया कि मामले में जो भी खामियां हैं वह दुरुस्त की जा रही हैं। टास्क फोर्स को कुल तीन हजार मामलों की जांच पड़ताल करनी है। उधर वेतन सहित विभिन्न मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर कर्मचारियों ने मंडलीय प्रबंधक कार्यालय पर धरना दिया। उनका कहना है कि जब तक बकाया वेतन सहित उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।

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