सीएम के प्रयासों से चमोली से पिथौरागढ़ की राह होने जा रही आसान!

मिलम
  • अब तक सात दिनों में मलारी से मिलम तक तय हो रहा सफर मात्र तीन दिनों में होगा पूरा

गोपेश्वर। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रयासों से चीन सीमा से लगे क्षेत्र में चमोली और पिथौरागढ़ जिले को आपस में जोड़ने वाला मलारी-मिलम ट्रैक (चमोली जिले के सुमना से पिथौरागढ़ जिले के टोपीढुंगी तक) जल्द ही सड़क में तब्दील हो जाएगा। त्रिवेंद्र के प्रस्ताव पर मोदी सरकार ने सुमना से टोपीढुंगी तक 72 किमी सड़क के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
यह ट्रैक पूर्व में केंद्रीय लोनिवि (सीपीडब्ल्यूडी) के अधीन था, लेकिन केंद्र ने इस ट्रैक को सड़क में तब्दील करने का कार्य सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंप दिया है। इस सड़क के बनने से मात्र तीन दिनों में मलारी से पिथौरागढ़ के मिलम तक पहुंचा जा सकेगा, जबकि अभी तक ट्रैकरों को मलारी से मिलम तक जाने में सात दिनों का समय लगता था। 
केंद्र सरकार चीन सीमा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण पर जोर दे रही है। चमोली जिले में चीन सीमा क्षेत्र नीती और माणा क्षेत्र में सड़कों के डबल लेन निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। अब नीती घाटी के मलारी-मिलम (पिथौरागढ़) ट्रैकिंग रूट को सड़क में तब्दील किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों के साथ ही सेना की आवाजाही आसान हो जाएगी। बीआरओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मलारी से सुमना (चमोली जिले तक) तक सड़क बनी हुई है। अब सुमना से टोपीढुंगी (पिथौरागढ़) तक मलारी-मिलम ट्रैक को सड़क में तब्दील कर करीब 72 किमी सड़क बनाई जाएगी। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इसी वर्ष सुुमना से पिथौरागढ़ के मिलम तक सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह सड़क 11400 फीट से 15000 फीट की ऊंचाई पर निर्मित होगी।
सुमना से टोपीढुंगी तक सड़क बनने से नीती घाटी में पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ जाएंगी। प्रधान संगठन के जिला मंत्री व कागा गांव के प्रधान पुष्कर सिंह राणा का कहना है कि यह सड़क नीती घाटी में पर्यटन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। पर्यटन के माध्यम से रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। साथ ही भविष्य में यह सड़क कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

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