- बिजली की लचर व्यवस्था से उपभोक्ता परेशान
- दो रात अंधेरे के साये में रहे क्षे़त्रवासी
- क्षेत्र वासियों का कहना 100 यूनिट बिजली फ्री नहींए 24 घंटे बिजली दो
- एक साल से महीने में 15 दिन भी ढंग से सप्लाई नहीं होती विद्युत
- दिन में कम से कम 20 बार होती है बिजली की आंख मिचैली
ग्वालदम। पिछले एक साल से ग्वालदम में बिजली की व्यवस्था चरमराई हुईं है। सप्ताह में दो.तीन दिन बिजली गुल रहना आम बात हो गई है। एक ओर प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली फ्री देने की हामी भर रही हैए वहीं ग्वालदम के लोगों को महीने में 15 दिन भी बिजली की रोशनी नसीब नहीं हो रही है। 18 जुलाई को करीब 4 बजे गुल हुई बिजली 20 जुलाई को ठीक 12ः40 बजे बहाल की गई। दो दिन तक लोगों को अंधेरे के साये में रहना पड़ा। करीब 45 घंटे बाद बिजली बहाल की गई। जिस कारण लोगों को परेशानी का का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों स्कूल के बच्चों की आॅनलाइन पढ़ाई चल रही है। लेकिन यहां बिजली नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई चैपट हो गई है। स्थानीय निवासी नरेंद्र परिहारए रमेश परिहारए कमल पांडेए अशोक कुमार आर्य आदि ने बताया कि जितना सरकार 100 यूनिट बिजली फ्री देने का दम भर रही है। उससे अच्छा होता कि सरकार बिजली की व्यवस्था दुरुस्त कर दे। 24 घंटा बिजली बहाल की जाए। आए दिन बिजली गुल रहने से फोटो स्टेट और अन्य व्यवसाय चैपट हो गया है। बिजली का भारी भरकम बिल लिया जाता है। दिन में कम से कम 20 बार बिजली की आंख मिचैली रहती है। पहाड़ों में लोगों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। बिजली की लचर व्यवस्था से लोग परेशान हैं। बिजली का भारी भरकम बिल लिया जाता है। कई बार विद्युत विभाग के अधिकारियों को अवगत कराने के बावजूद भी बिजली की समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है।