उत्तराखंड : चुनाव स्थगित करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका, चुनाव आयोग से जवाब तलब

देहरादून। देश में ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ता जा रहा है। रोजाना नए मामलों में इजाफा हो रहा है। उत्तराखंड में ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए बंदिशें लागू हैं तो राजनीतिक पार्टियों कि चुनावी रैलियां पाबंदियां मखौल उड़ा रही हैं। ऐसे में उत्तराखंड में आने वाले विधानसभा चुनावों को स्थगित करने और चुनावी रैलियों में आने वाली भीड़ पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसपर हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने सुवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को एक याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट से उत्पन्न खतरे के मद्देनजर स्थगित करने की मांग की गई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार यानी 3 जनवरी को होगी।
बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए सच्चिदानंद डबराल ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। जिसपर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने पूर्व से विचाराधीन सच्चिदानन्द डबराल एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया संबंधी याचिका में अपना प्रार्थना पत्र पेश किया। इसमें कोर्ट के आदेशों के विपरीत राजनीतिक दलों द्वारा कोविड नियमों को धता बताते हुए की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न की गई हैं। इन रैलियों से कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है, इसलिए लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए। साथ ही अदालत से नए साल पर होने वाली पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है। वहीं राज्य और देश के स्वास्थ्य विभाग की कमजोर स्थिति का हवाला देते हुए कोर्ट से आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की।

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