11 साल से बनने की राह देख रही मानमती-झलिया मोटर सड़क

थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पेड़ो के कटान को दो वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी गढ़वाल से कुमाऊं को जोड़ने के साथ ही प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर के लिए और भी अधिक आसान राह बनने वाली मानमती-झलिया मोटर सड़क का 11 साल बाद भी निर्माण कार्य शुरू नही हो पाया हैं। जिसके चलते यातायात से वंचित चार गांवों की ग्रामीण जनता में सरकार के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा हैं। निर्माण कार्य शुरू न होने पर ग्रामीणों ने 15 अप्रैल से जनांदोलन शुरू करने की चेतावनी दी हैं।
आज से करीब 11 वर्ष पूर्व राज्य सरकार ने देवाल विकासखंड के अंतर्गत खेता मानमती से चोटिंग-उथतर-हरमल के बाद चमोली जिले के आखिरी गांव झलिया तक 20 किमी सड़क के निर्माण की राज्य योजना से स्वीकृति प्रदान की थी। स्वीकृति मिलने के बाद पहले कुछ सालों तक इस सड़क के समरेखण को लेकर आपस में ही ग्रामीण एक दूसरे से उलझते रहे। इसके बाद समरेखण को लेकर ग्रामीणों का आपसी विवाद सुलझाने के बाद लोनिवि थराली ने भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई की तों पिछले दो वर्ष पूर्व वन भूमि हस्तांतरण में लोनिवि को कामयाबी भी मिल गई। 20 किमी लंबाई में बनने वाली मानमती झलिया में पड़ने वाली वन भूमि के हस्तांतरण की केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद वन विभाग ने पेड़ों के पातन के लिए छपान करने के बाद दो वर्ष पूर्व उत्तराखंड वन निगम ने इस सड़क में पड़ने वाले पेड़ों का पातन भी कर दिया हैं। बावजूद इसके आज तक निर्माण कार्य शुरू नही हो पाया हैं। स्वीकृति के 11 वर्षों बाद भी सड़क का निर्माण कार्य शुरू न होने पर हरमल गांव के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान कलावती गड़िया की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित कर 15 अप्रैल तक निमार्ण कार्य शुरू नही होने पर आंदोलन की चेतावनी दी हैं। बैठक के बाद उप जिलाधिकारी थराली को एक संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भेजा गया हैं जिसमें प्रधान, उपप्रधान प्रताप राम, भाजपा के पूर्व जिला सह संयोजक हरेंद्र सिंह गड़िया सहित 5 दर्जन से अधिक ग्रामीणों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।
इस सड़क के संबंध में लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 20 किमी मोटर सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। मानमती से झलिया तकइसकी कुल लंबाई करीब 17 किमी है। जिसकी डीपीआर बना कर सरकार को भेजी गई। सड़क निर्माण के लिए वन भूमि हस्तांतरण भी हो चुकी हैं। बताया कि लोनिवि थराली द्वारा पहले चरण में 5 किमी मोटर सड़क के निर्माण के लिए डीपीआर बनाकर लोनिवि के चीफ आफिस को भेजी थी। जिस पर चीफ आफिस ने कुछ आपत्तियां लगाकर डीपीआर को वापस डिवीजन को भेजा गया हैं। लगाई गई आपत्तियां का निस्तारण कर 2-3 दिनों में स्वीकृति के लिए पुनः चीफ आफिस भेज दिया जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
देवाल ब्लाक के प्रमुख दर्शन दानू ने बताया कि दो मंडलों को जोड़े जाने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर तक आने-जाने वाले हजारों पर्यटकों के साथ ही इस विकास खंड के चार गांव चोटिंग, उफथर, हरमल व झलिया गांव वासियों को भी लाभ मिलेगा। कुमाऊं क्षेत्र के भी कई गांवों के ग्रामीणों को इस का काफी लाभ मिलेगा। बताया कि कुमाऊं की ओर से झलिया एवं हरमल तक 3 से 4 किमी की दूरी पर बागेश्वर से सड़क पहुंच चुकी हैं। यहां से भी मानमती-झलिया सड़क निर्माण होने के बाद दोनों मंडलों के दर्जनों गांवों को लाभ मिलेगा। दानू ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति के लगातार प्रयास जारी हैं। इसी माह निर्माण की वित्तीय स्वीकृति मिलने की संभावना है।

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