देहरादून। प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार देवभूमि के अनुरूप अनेक ऐतिहासिक फैसले ले रही है। अब कोटद्वार का नाम महर्षि कण्व के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज बुधवार को नगर निगम कोटद्वार का नाम परिवर्तित कर कण्व ऋषि के नाम पर कण्व नगरी कोटद्वार रखने की स्वीकृति दे दी है। महर्षि कण्व की तपस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम कोटद्वार शहर से करीब 14 किलोमीटर के फासले पर स्थित है। कोटद्वार शहर की पहचान महर्षि कण्व के नाम से भी जानी जाती है। समय-समय पर कोटद्वार का नाम बदलने की मांग उठती रही थी। जनता के सपनों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पूरा कर दिया है। पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेश द्वार कोटद्वार स्थित कलालघाटी का भी नाम बदला गया है। उसे अब कण्वघाटी के नाम से जानी जा रहा है। कोटद्वार नगर निगम ने कलालघाटी का नाम बदलकर कण्वघाटी करने के शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिसपर पिछले साल दिसंबर में मुहर लगाई थी।