उत्तराखंड : लॉकडाउन में खोई नौकरी तो पिता की ली जान, की खुदकुशी की कोशिश

कोरोना के साइड इफेक्ट

  • अपने बूढ़े पिता की गला रेतकर हत्या करने के बाद शव वनखंडी जंगल में फेंका
  • लॉकडाउन में नौकरी चली जाने से मानसिक संतुलन खो देने वाले युवक की करतूत

उधमसिंहनगर बाजपुर। नौकरी चले जाने से अवसाद में आए एक युवक ने अपने बूढ़े पिता की गला रेतकर हत्या कर शव वनखंडी जंगल में फेंक दिया। इसके बाद उसने खुद भी जहर खाकर जान देने की कोशिश की। वह घटनास्थल से कुछ दूरी पर बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 
बुधवार को मोहल्ला मुंडिया पिस्तौर के वार्ड नंबर पांच निवासी रेनू ने पुलिस को तहरीर दी थी कि 20-25 दिन से उसके घर में रह रहा मौसेरा भाई रणवीर उर्फ बबलू अपने पिता 70 वर्षीय चतर सिंह, निवासी कैनाल कॉलोनी हल्द्वानी को इलाज कराने की बात कहकर रिक्शे से ले गया था और अब उनका पता नहीं चल रहा है।
पुलिस ने तब गुमशुदगी दर्ज कर ली। इसके दो-तीन घंटे बाद रणवीर ने अपने एक रिश्तेदार को फोन कर कहा कि उसने पिता की हत्या कर दी है और खुद भी आत्महत्या कर रहा है। रेनू ने पुलिस को ये सूचना दी तो पुलिस ने रात में बरहैनी जंगल समेत कई जगहों की खाक छानी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गुरुवार को रेनू और उसके जीजा सहित अन्य परिजनों ने बरहैनी जंगल और वनखंडी मंदिर के आसपास खोजबीन की। इस दौरान झाड़ियों में चतर सिंह का शव मिला। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। चतर सिंह के शव से करीब 100 मीटर की दूरी पर बेहोशी की हालत में बबलू भी पड़ा मिला। पुलिस ने उसको सीएचसी में भर्ती कराया है। 
कोतवाल संजय पांडेय ने बताया कि बबलू की साली की बेटी रेनू की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज थी। रणवीर के परिजनों ने बताया है कि उसने फोन कर खुद ही हत्या की जानकारी दी थी। अब मुकदमा धारा 302 में तब्दील हो गया है। पुलिस के अनुसार प्रथमदृष्टया बेटे ने ही पिता का गला रेतकर हत्या कर दी थी। मौके से एक ब्लेड भी बरामद हुआ है। मृतक चतर सिंह की एक बेटी और दामाद हल्द्वानी के कृष्णा कॉलोनी में रहते हैं। बताया जा रहा है कि बबलू दिल्ली में नौकरी करता था। लॉकडाउन में नौकरी चली जाने से वह मानसिक संतुलन खो बैठा था।

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