चंपावत। जिले में सूखीढांग जीआईसी का भोजनमाता नियुक्ति विवाद में क्षेत्र पंचायत सदस्य और स्कूल प्रबंध समिति (एसएमसी) अध्यक्ष सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
हालांकि इस बीच सीईओ आरसी पुरोहित की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति ने डीएम को मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के निष्कर्ष सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक भोजनमाता नियुक्ति प्रक्रिया में खामी नहीं पाई गई, सिर्फ तकनीकी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
भोजनमाता सुनीता देवी ने उनसे अभद्रता और जातीय भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए चल्थी चौकी में तहरीर दी थी। चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि तहरीर के आधार पर पुलिस ने क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपा जोशी, स्कूल प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जोशी, महेश चौड़ाकोटी, बबलू गहतोड़ी, शंकर दत्त और सतीश चंद के खिलाफ एससी-एसटी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सूखीढांग जीआईसी में दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति शुक्रवार को होने की संभावना है। इसे लेकर स्कूल प्रबंध समिति की बैठक बुलाई गई है। प्रधानाचार्य प्रेम सिंह ने बताया कि छठी से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्र-छात्रा साथ में भोजन कर रहे हैं। इसमें हर जाति के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। छात्र संख्या के हिसाब से यहां दो भोजनमाता रखे जाने का प्रावधान है, लेकिन फिलहाल एक ही भोजनमाता है। दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति को लेकर विवाद की स्थिति पैदा हुई थी।
इससे पहले नवंबर और दिसंबर में दो बार विज्ञप्ति निकाली गई। इनमें सुनीता देवी और पुष्पा भट्ट के नाम को लेकर विवाद हुआ। नियमों के मुताबिक एससी जाति की सुनीता देवी को भोजनमाता रखा जाना चाहिए। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने सुनीता देवी को तैनाती देने के निर्देश दिए। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने एफआईआर करने के निर्देश दिए थे।
सूखीढांग जीआईसी में दूसरी भोजनमाता की नियुक्ति के लिए दो बार बैठक हुई। 15 नवंबर को हुई पहली बैठक में 11 आवेदन आए। पुष्पा भट्ट और सुनीता देवी के नाम में खींचतान रही। नियुक्ति के लिए चार दिसंबर को हुई दूसरी बैठक में चयन समिति ने सुनीता देवी का चयन किया। इसके विरोध में एक जाति विशेष के छात्र-छात्राओं ने भोजन नहीं खाया। विरोधस्वरूप 24 दिसंबर को दूसरी जाति के छात्रों ने पहले से तैनात सवर्ण भोजनमाता का बनाया खाना खाने से इंकार कर दिया। इसके बाद एसडीएम हिमांशु कफल्टिया के नेतृत्व में गई प्रशासनिक टीम ने सुलझा दिया अब भोजनमाता के चयन पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है।