अब भी नहीं संभले तो बहुत देर हो जाएगी : प्रो. रवि कांत

ऋषिकेश। तेजी से फैल रही कोविड महामारी अब खतरनाक रूप लेने लगी है। इसके बावजूद आम जनमानस कोविड नियमों का पालन करने में अभी लापरवाही बरत रहा है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने कोविड महामारी की दूसरी लहर को पहली लहर की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक बताया है। उन्होंने बताया कि लापरवाही बरत रहे लोगों में इसके प्रति भय भी कम देखने को मिल रहा है। जबकि पिछले साल की स्थिति से हम सभी को इस महामारी के संक्रमण से सबक ले लेना चाहिए था। लोगों द्वारा लापरवाही बरते जाने के कारण ही अब यह खतरनाक गति से फैलने लगी है। उन्होंने आगाह किया कि यदि जीवन को सुरक्षित रखना है तो हम सभी को गंभीरता से कोविड गाइडलाइन व इससे जुड़े तमाम नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। 
इस बाबत एम्स में कोविड के नोडल ऑफिसर डॉक्टर पीके पण्डा ने बताया कि बचाव हमेशा इलाज से बेहतर होता है। हम सभी को समझना होगा कि कोरोना महामारी का वायरस हमारे नाक और मुंह द्वारा शरीर में प्रवेश करने में सक्षम है और सबसे पहले हमारे फेफड़ों को संक्रमित करता है।
इसलिए इस महामारी से बचाव का पहला मंत्र है कि घर से बाहर निकलने पर प्रत्येक व्यक्ति अनिवार्य रूप से मास्क पहने और नियमित तौर पर बार-बार अपने हाथों को सैनिटाइज करता रहे। इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से आपस में न्यूनतम 2 मीटर की दूरी बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। डॉ. पण्डा ने बताया कि इसके अलावा 45 वर्ष से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह जल्द से जल्द कोविड वैक्सीन लगाए और स्वयं को और समाज को सुरक्षित रखने में सहयोग करे। 

क्या करें कोविड संक्रमित मरीज

1- अगले 15 दिनों के लिए प्रतिदिन टेबलेट विटामिन-सी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लेना शुरू करें। 
2- बुखार की शिकायत होने पर टेबलेट लें। पैरासिटामोल-650 एमजी का दिन में 4 से 6 बार 2 से 3 दिनों तक सेवन करें। 
3- कोल्ड संबंधी दिक्कत होने पर टेबलेट मॉन्टेलुकास्ट -लेवो -सिट्रीजिन का दैनिक उपयोग करें। 
4- संक्रमित होने की स्थिति में पूरी तरह बेड रेस्ट आवश्यक है। 
5- मानसिक तनाव और भय से पूरी तरह मुक्त रहें। 
6- ज्यादा पानी पिएं और आसानी से पचने वाले तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करें। 

डॉ. पण्डा ने सलाह दी है कि प्रोन (पेट के बल लेटना) या अर्ध प्रोन उन्मुख स्थिति में पेट के बल प्रतिदिन 4 से 6 बार (हर बार 30 से 60 मिनट) सोएं। कोविड संक्रमण के दौरान वायरल फीवर प्रबंधन के शुरुआती चरण में सबसे महत्वपूर्ण है शरीर को आराम देना (यह शारीरिक आराम, मानसिक आराम, मन की शांति और वैराग्य पर निर्भर करता है)।
उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण के दौरान एकबार प्रारंभिक चरण बीतने के बाद अगला इम्युनोलॉजिकल चरण आता है। जहां हमारे शरीर को बुखार, खांसी आदि के समान लक्षणों के साथ सांस की तकलीफ और ऑक्सीजन की आवश्यकता भी पड़ सकती है। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here