- हरिद्वार में गंगा के एस्केप चैनल को लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
- अखाड़ा परिषद के संतों और गंगा सभा की बैठक के बाद निरस्त किया हरीश सरकार का अध्यादेश
देहरादून। आज रविवार को हरिद्वार में गंगा के एस्केप चैनल को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा फैसला लिया है। अखाड़ा परिषद के संतों और गंगा सभा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद सरकार ने एस्केप चैनल के अध्यादेश को निरस्त करने के निर्देश दिए। गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने दावा किया है कि इस संबंध में आदेश सोमवार को जारी हो जाएंगे।
गौरतलब है कि अतिक्रमणकारियों को राहत देने के लिये यह अध्यादेश पूर्व सीएम हरीश रावत की सरकार में जारी किया गया था। तत्कालीन हरीश सरकार ने 2016 में भागीरथी बिंदु, सर्वानंद घाट भूपतवाला से हरकी पैड़ी, मायापुर और दक्ष मंदिर कनखल तक बहने वाली गंगा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया था। इसका मतलब था कि यह धारा एक नहर है जो गंगा में अतिरिक्त पानी की निकासी के काम आती है।
इसके बाद से ही हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित पिछले लंबे समय से अध्यादेश को निरस्त करने की मांग कर रहे थे। तीर्थ पुरोहित गंगा के सम्मान के लिए पिछले 61 दिन से आंदोलन कर हरकी पैड़ी पर धरना दे रहे थे। हालांकि कुछ महीने पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार जाकर इस अध्यादेश को लेकर अपनी गलती स्वीकार की थी। उन्होंने साधु संतों से लिखित में माफी भी मांगी थी। तब उन्होंने कहा था कि उनकी गलती को त्रिवेंद्र सरकार चाहे तो सुधार सकती है। आज रविवार को त्रिवेंद्र ने उनकी इस महागलती को सुधार ही दिया।