घेस क्षेत्र 11 युवाओं का सेना में चयन, क्षेत्र में खुशी की लहर

दो स्पोर्ट्स कोटे में व नौ जीडी के लिए चयनित

गोपेश्वर। उत्तराखंड के जनपद चमोली का सीमांत घेस क्षेत्र एक बार फिर चर्चाओं में है। इस दूरस्थ क्षेत्र के युवाओं ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाते हुए सेना भर्ती की कड़ी बाधाओं को पार करते हुए बड़ी सफलता अर्जित की है। रविवार को लिखित परीक्षा परिणाम आने बाद घेस घाटी के 11 युवक सेना की विभिन्न शाखाओं में सेवाएं देने के लिए चयनित हुए हैं। चयनित 11 युवकों में से आठ ग्राम सभा घेस के ही हैं, जबकि दो युवक हिमनी व एक पिनाऊं गांव से है। सफलता पाने वालों में दो बच्चे स्पोर्ट्स कोटे में चुने गये हैं। चुने गए युवकों में रवि बिष्ट, देवेंद्र सिंह, नीरज सिंह, चंदन सिंह, भगत सिंह, कमल सिंह, कमल सिंह, बाबी बिष्ट, धर्मेंद्र, नंदन सिंह व अनिल हैं। कुछ माह पहले हिमनी गांव के दो युवकों का चयन आईटीबीपी में भी हो चुुका है।
घेस क्षेत्र दूरस्थ होने के कारण विकास से वंचित रहा है। इस दूरस्थ क्षेत्र का सैन्य इतिहास शानदार रहा है। मेजर देव सिंह दानू आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अंगरक्षक बटालियन के सीओ रहे। वीर चक्र विजेता राइफलमैन जमन सिंह दानू (बलाण) ने अपने सैन्य कर्तव्य के निवर्हन के लिए वीर गति पायी थी, स्व. कैप्टन बहादुर सिंह पटाकी नागा रेजिमेंट से क्षेत्र के पहले आनरेरी कैप्टन बने। 13वीं गढ़वाल के सुबेदार मेजर आनरेरी कैप्टन केशर सिंह बिष्ट जो रेजिमेंट के बेस्ट जेसीओ माने जाते थे, को दो बार भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षक रहने का सौभाग्य मिला। सुबेदार मेजर आनरेरी कैप्टन हरचंद सिंह दानू भी 11वीं गढ़वाल के सुबेदार मेजर रहे। असम राइफल में 12 साल तक सुबेदार मेजर रहे बलवंत सिंह पटाकी को राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिल चुका है।
सेंटर बैंड से सुबेदार मेजर गोपाल सिंह बिष्ट को दर्जनों बार रिपब्लिक डे परेड में अपनी टुकड़ी का नेतृत्व करने के साथ ही भूटान आर्मी के बैंड प्रशिक्षक के रूप में नियुक्ति पाने का गौरव मिला।
एवरेस्टर सुबेदार मेजर हीरा सिंह दानू आज 19 गढ़वाल राइफल्स में तैनात हैं। इसी कड़ी में 12वीं गढ़वाल के दो सीनियर जेसीओ सुबेदार खिलाफ सिंह दानू और सुबेदार लक्ष्मण सिंह बिष्ट नयी पीढ़ी के वो होनहार फौजी हैं, जो अपने सैन्य कैरियर के शिखर यानि सुबेदार मेजर के पद पर पहुंच रहे हैं। इन दोनों को ही अगले कुछ माह के भीतर सुबेदार मेजर की जिम्मेदारी मिलनी तय है। सुबेदार लक्ष्मण बिष्ट इन्फैंट्री स्कूल महू में दो बार कैटेगरी बी व दो बार कैटेगरी ए इंस्ट्रक्टर रहने के साथ ही इम्ट्राड में रायल भूटान आर्मी के पीसी इंस्ट्रक्टर रह चुके हैं।

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