उत्तराखंड : त्रिवेंद्र को मिलने जा रही बड़ी जिम्मेदारी!

सियासत की शतरंज

  • मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे त्रिवेंद्र
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली बुलाया, संघ की बैठक के बाद बदला घटनाक्रम
  • सियासी गलियारों में चर्चाओं ने पकड़ा जोर, हर हाल में मिशन 2022 फतह पर भाजपा का जोर

देहरादून। दिल्ली में छह राज्यों में 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को जीतने की रणनीति बनाने में जुटे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नेताओं ने मंथन कर कई अहम फैसले किये हैं। जिनका असर छह राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।
इसी क्रम में उत्तराखंड के सियासी गलियारों से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली में हाईकमान ने बुलाया है। हालांकि दूसरी खबर यह भी है कि पूर्व सीएम अपनी बेटी को छोड़ने दिल्ली गए हैं और इसके बाद वो पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। आज मंगलवार सुबह त्रिवेंद्र सिंह रावत सुबह दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान त्रिवेंद्र सिंह रावत को जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है। सियासतदां लोगों का मानना है कि संघ की बैठक के तुरंत बाद त्रिवेंद्र को दिल्ली बुलाने में कई निहितार्थ छिपे हैं। उत्तराखंड भाजपा को जल्द ही एक चौंकाने वाली धमाकेदार खबर मिल सकती है। अहम बात यह है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए ही मिशन 2022 पर गंभीरता से काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि कोरोना संकट के चलते और त्रिवेंद्र को अचानक मुख्यमंत्री पद से हटाये जाने के बाद सारी तैयारी ठंडे बस्ते में चली गई थी। आजकल कोरोना संक्रमण से धीरे धीरे उबरने के बाद भाजपा का पूरा फोकस फिर मिशन 2022 पर हो गया है। सूत्रों के अनुसार ‘भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस’ पर खरे उतरे त्रिवेंद्र की लोकप्रियता और उनके मानवीय चेहरे पर भाजपा अगर दांव खेलती है तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये। हालांकि इस बात के मायने तब से ही निकाले जा रहे हैं जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के सीएम पद से इस्तीफा दिया था।
इस्तीफा देने और संघ की बैठक के बाद ये उनका पहला दिल्ली दौरा है। संघ से जुड़े त्रिवेंद्र के रिश्ते कब उन्हें मुख्यधारा में लाकर खड़ा कर देंगे, इस बारे में शायद किसी को कोई संदेह नहीं है। उनके इस दौरे से भाजपा में हलचल मच गई है कि क्या त्रिवेंद्र दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात उत्तराखंड की सियासत में मील का पत्थर साबित होने जा रही है। फिलहाल तेल देखिये और तेल की धार देखिये।

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