केदारनाथ यात्रा : अब तक 103 घोड़े-खच्चरों की मौत, दो संचालकों पर क्रूरता का केस

रुद्रप्रयाग। इस बार चारधाम यात्रा के दौरान उमड़ी  श्रद्धालुओं की भीड़ रिकॉर्ड तोड़ रही हैं तो वहीं उनकी मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। उधर यात्रियों को ले जाने वाले बेजुबान घोड़े और खच्चरों के अत्यधिक शोषण से उनकी मौत के मामले भी सामने आ रहे हैं।
जिसको लेकर भाजपा सांसद मेनका गांधी ने सवाल खड़े किए थे। उन्होंने इसे पशुओं के साथ क्रूरता बताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की  थी। अभी तक केदारनाथ यात्रा में 103 घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद केदारनाथ में दो पशु संचालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है।
गौरतलब है कि संचालक केदारनाथ यात्रियों को लेकर जाने वाले घोड़े और खच्चरों का अत्यधिक शोषण कर रहे हैं। संचालक इन पशुओं को जहां समय से दाना पानी नहीं दे रहे हैं। उनसे अत्यधिक भार भी ढुलवा रहे हैं। जिससे इनकी तबीयत बिगड़ रही है और मौत का शिकार हो रहे हैं। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए पिछले दिनों गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव का निरीक्षण भी किया था। साथ ही घोड़े-खच्चरों पर अत्याचार करने वाले संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। केदारनाथ पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूरता करने वाले दो संचालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ये लोग बीमार पशुओं का संचालन करने के साथ ही उनसे अधिक भार ढुला रहे थे।
जिला प्रशासन ने ऐसे पशुपालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर 20 सदस्यीय टास्क फोर्स टीम गठित की है। जिन्हें यात्रा मार्गों पर तैनात किया गया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया केदारनाथ पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चर कॉलिक बीमारी से मौत का शिकार हो रहे हैं। अब तक 103 घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है। घोड़ा-खच्चर संचालक अपने पशुओं को पैदल मार्ग पर चारा-दाना के साथ पानी तक नहीं दे रहे हैं। जिस कारण उनके पेट में गैस बन रही है और वे दर्द से दम तोड़ रहे हैं।

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