यमकेश्वर : पूर्व प्रमुख की दबंगई से ग्रामीण त्रस्त!

  • गांव वालों ने लगाया अवैध कटान और सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप
  • पौड़ी के तल्ला बनास गांव का मामला, गांववालों ने एसडीएम से लगाई गुहार

यमकेश्वर। पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विकासखंड के तल्ला बनास गांव में सरकारी रास्ता कब्जाने का मामला सामने आया है। यहां के पांच परिवारों की पैतृक भूमि गड़खाल तोक में है। इनकी जमीन के पास ही यमकेश्वर के पूर्व प्रमुख मोहन सिंह रावत ने 38 नाली जमीन खरीदी है।
गांव वालों का आरोप है कि पूर्व प्रमुख ने 6 फीट सरकारी रास्ते पर भी कब्जा कर लिया है। गांववालों का कहना है कि मोहन सिंह की खरीदी भूमि को नाप लिया जाए तो पता चल जाएगा कि ये 38 नाली से कहीं ज्यादा है। इन पांच परिवारों के खसरा संख्या 288, 289, 433 से 441 हैं। तल्ला बनास के जगमोहन सिंह रावत ने उपजिलाधिकारी यमकेश्वर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 6 फीट सरकारी रास्ते से मोहन सिंह का अवैध कब्जा हटवाया जाए, क्योंकि यह गांव का आम रास्ता है। उन्होंने अपील की है उनकी 40 नाली 2 मुट्ठी भूमि को नापा जाए जिससे वह उस पर खेती और व्यवसाय कर सकें।

गांव वालों का कहना है कि मोहन सिंह ने अपने प्रभाव और मिलीभगत से सरकारी भूमि पर कब्जा किया है।
उधर, पूर्व प्रमुख ने मामला बढ़ता देख खुद को बचाने के लिए पटवारी पर पूरा आरोप मढ़ दिया है। उनका कहा है कि यमकेश्वर के पट्टी उदयपुर पल्ला क्षेत्र के राजस्व उपनिरीक्षक ने स्थानीय रसूखदारों से मिलीभगत कर सरकारी भूमि पर कब्जा किया है। हालांकि गांववालों के मुताबिक पूर्व प्रमुख ने कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर अवैध कब्जा करके पक्की दीवार बना ली और भूमि को समतल करा लिया। गांव वालों का कहना है कि पूर्व प्रमुख खुद को बचा रहे हैं।

जगमोहन सिंह रावत ने उपजिलाधिकारी, राजस्व उपनिरीक्षक कांडाखाल को इस बारे में अनुरोध पत्र भेजा था पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने जल्द से जल्द कब्जा हटवाने की मांग की है। अब शीर्ष अधिकारियों के ऐक्शन का गांववालों को इंतजार है।

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