…अटकलों के बीच दिल्ली पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र

  • भाजपा पर्यवेक्षक रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी दिल्ली रवाना

देहरादून/दिल्ली। भाजपा के पर्यवेक्षक की रिपोर्ट पर उत्तराखंड के सियासी गलियारों में केंद्रीय नेतृत्व के अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसी बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आज सोमवार को दिल्ली रवाना हो गए। हालांकि उन्हें आज गैरसैंण में एक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी। भाजपा पर्यवेक्षक रमन सिंह और प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी दिल्ली रवाना हो गये हैं। इसके बाद देहरादून भाजपा कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है।
वहीं दिल्ली पहुंचने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि मैं नहीं जानता कि मीडिया की खबरों का आधार क्या है, लेकिन मैंने राष्ट्रीय पार्टी के नेतृत्व से मिलने का समय मांगा है। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने फिर कहा कि जो भी चर्चाएं हो रही हैं, वे मीडिया की उपज हैं। संगठन के स्तर पर ऐसी कोई बात नहीं है। उधर केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे जाने के बहाने कांग्रेस को निशाना साधने का मौका मिल गया है।

इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने फिर ट्वीट कर तंज किया… ‘उत्तराखंड भाजपा में सत्ता की खुली लड़ाई, चिंताजनक स्थिति बयान कर रही है। कुछ उजाड़ू बल्द जिनको भाजपा पैसारूपी घास दिखाकर हमारे घर से चुराकर ले गई, उसका आनंद अब भाजपा को भी आ रहा है। इनमें से कुछ बल्द तो उज्याड़ू ही नहीं हैं, मारखोली भी हैं। भाजपा ने जो बोया, उसको काटना पड़ेगा। 2017 में केवल मुझको काटना पड़ा।’
मुख्यमंत्री तय कार्यक्रम के अनुसार रविवार को भराड़ीसैंण (गैरसैंण) गए थे। वहां पार्टी के जिलाध्यक्षों के साथ सरकार के चार साल के जश्न की तैयारियों को लेकर बैठक की थी। आज सोमवार को भी वह फिर गैरसैंण जाने वाले थे। शनिवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में सिर्फ इतना ही बदलाव दिखा कि उन्हें रविवार को पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में रात्रि प्रवास करना था, लेकिन वह रविवार को ही लौट आए और सामान्य तरीके से अपना कामकाज निपटाते रहे। उन्होंने भराड़ीसैंण में भाजपा जिलाध्यक्षों को सरकार के चार साल पूरे होने के जश्न ‘बातें कम काम ज्यादा’ की तैयारियों पर चर्चा की। वहां उन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इंप्लायमेंट एंटरप्रीन्योरशिप एंड इनोवेशन का उद्घाटन करना था। इसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए वृहद ब्याज मुक्त ऋण योजना के तहत ऋण वितरित करने वाले थे। यह कार्यक्रम गैरसैंण के रामलीला मैदान में रखा गया था।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि बजट सत्र को बीच में छोड़ने से साबित हो रहा है कि भाजपा में जबरदस्त अंदरूनी घमासान है। विपक्ष ने सदन के भीतर महंगाई, बेरोजगारी, किसान, मातृशक्ति पर लाठीचार्ज, आपदा प्रबंधन, गन्ना किसान सहित सभी जनहित के मुद्दों पर सरकार को घेरा। सरकार का सदन के अंदर प्रदर्शन देखकर ही विपक्ष को इस बात का अंदाजा हो गया था कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उसकी पुष्टि शनिवार को देहरादून में सियासी भूचाल से हो गई। सदन में कोई भी मंत्री प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाया। 
प्रीतम ने कहा कि बजट जैसे गंभीर मुद्दे के बावजूद त्रिवेंद्र और उनके ज्यादातर विधायकों को भराड़ीसैंण के सत्र को बीच में छोड़कर देहरादून तलब किया जाना भाजपा में आये बड़े तूफान की ओर इशारा करता है। हालांकि नेतृत्व परिवर्तन के सवाल को भाजपा का अंदरूनी मामला बताते हुए प्रीतम ने कहा कि केवल नेतृत्व परिवर्तन से भाजपा की असफलता छिपने वाली नहीं है। लोगों ने भाजपा को प्रचंड बहुमत और डबल इंजन वाली सरकार दी लेकिन भाजपा ने कदम-कदम पर जनता को निराश किया। 
उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन की चर्चा को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। अगले मुख्यमंत्री की रेस में अभी तक तीन नाम सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी क्रम में पार्टी के संसदीय बोर्ड ने शनिवार को देहरादून में कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी। पार्टी उपाध्यक्ष रमन सिंह को भेजकर स्थिति की जानकारी ली। इस पूरी प्रक्रिया में शामिल एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है और हालात संभालने के लिए सभी विकल्प खुले हैं। सूत्रों के अनुसार शनिवार को हुई पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में कई सांसदों, विधायकों और मंत्रियों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोला था। वहीं पर्यवेक्षक भेजने और कोर ग्रुप की बैठक बुलाकर राय जानने का फैसला अचानक हुआ। राज्य के कई नेताओं को दिल्ली से फोन कर बैठक के लिए पहुंचने के लिए कहा गया। दो दर्जन विधायकों को दो-तीन हेलीकॉप्टर के जरिए गैरसैंण से देहरादून एयरलिफ्ट किया गया। निशंक को लखनऊ से, दिल्ली आ रहे अजय भट्ट को रास्ते से ही देहरादून, जबकि विजय बहुगुणा को दिल्ली से भेजा गया।
इस बैठक के लिए गैरसैंण में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान बजट को आनन फानन में पारित कराया गया। इस बीच विधायक दल की बैठक बुलाए जाने की चर्चा भी जोरों पर है। सूत्रों का कहना है कि विधायक दल की बैठक का अर्थ उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन का संकेत भी हो सकता है। 

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