आखिरी ओवर में उतरे धामीजी काफी ‘धाकड़ बल्लेबाज’ : राजनाथ

  • पौड़ी में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने वीर चंद्र गढ़वाली की बहादुरी का किया बखान
  • साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा के भी पुल बांधे, बताया ऊर्जा से भरपूर

पौड़ी। आज शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में जहां उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की बहादुरी का बखान किया, वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा के भी पुल बांध दिये।
राजनाथ सिंह ने कहा कि क्रिकेट की भाषा में अगर कहूं तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामीजी काफी ‘धाकड़ बल्लेबाज’ हैं। उन पर उत्तराखंड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे इन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। कहा कि किसी भी देश या राज्य की नियति का फैसला वहां की सरकार की नीयत से ही तय होता है। मैं पुष्कर सिंह धामी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है।

इस पहले रक्षा मंत्री ने कहा कि आज पीठसैण में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा के अनावरण समारोह में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वह एक सच्चे सैनिक तो थे ही, साथ ही वह एक प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की यह धरती भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में ‘देवभूमि’ के नाम से जानी जाती है। मगर यह देवभूमि एक ‘वीरभूमि और तपोभूमि’ भी है। यह हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। वैसे तो राज्य का गठन हुए केवल बीस वर्षों का समय ही बीता है। यहां का इतिहास और परम्पराएं सदियों पुरानी हैं।

उन्होंने कहा कि यह गढ़वाल तो ‘वीर बडु का देस है’ ‘बावन गढ़ का देस’ है। हर गढ़ में बहादुरी और पराक्रम के किस्से मशहूर हैं। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भंडारी और तीलू रौतेली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव-गांव में गाए जाते हैं। आज जिन वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा का अनावरण यहां हो रहा है, वे कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे। अंग्रेजी हुकूमत में वह फौज के भर्ती हुए। वह दौर प्रथम विश्व युद्ध का था और अंग्रेजी फौज की तरफ से उन्हें लड़ने के लिए फ्रांस भेजा गया। भारतीय सैनिकों की बहादुरी, बलिदान और प्रोफेशनलिज्म का परिचय पूरी दुनिया को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली न केवल फ्रांस में लड़े, बल्कि मेसोपोटेमिया में भी 1917 में उन्हें लड़ने के लिए भेजा गया।

राजनाथ ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा करने के लिए संघर्ष करने की नौबत आयी तो बिहार रेजीमेंट के बहादुरों ने देश के मान-सम्मान की रक्षा की और एक इंच जमीन भी जाने नहीं दी। जिस शौर्य, सूझबूझ और संयम का परिचय भारतीय सेना ने दिया है, वह इस देश के ‘सच्चे सैनिक धर्म’ की पहचान है। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्षों में ‘मिशन मोड’ में काम हुआ है।

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उन्होंने कहा कि अब लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा पर जाना सुगम हो गया है। यह रास्ता आर्थिक और सामरिक दृष्टि से  महत्वपूर्ण है। यह रास्ता भारत और नेपाल को और करीब लाने में सहायक होगा। नेपाल हमारे लिए केवल एक मित्र देश नहीं है, बल्कि उसके साथ हमारा परिवार जैसा संबंध है। भारतीय सीमा के आखिरी गांव माणा तक सड़क की ब्लैक टॉपिंग का काम चल रहा है जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। उत्तराखंड के सामरिक महत्व को देखते हुए सीमा सड़क संगठन द्वारा यहां पर 1000 किमी लम्बी सड़कों के निर्माण पर काम चल रहा है। 

राजनाथ सिंह ने स्मारक स्थल का लोकार्पण किया और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री स्वस्थ युवा, स्वस्थ उत्तराखंड’ योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य के समस्त 7795 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों पर एक-एक ओपन जिम (मुख्यमंत्री ग्रामीण युवा फिटनेस सेन्टर) खोला जायेगा। ‘वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार’ योजना के अंतर्गत इलेक्ट्रिक लग्जरी बसों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी की मौजूदा अधिकतम सीमा को 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपए किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में गैर वाहन पर्यटन उद्यम के लिए 33 प्रतिशत सब्सिडी की मौजूदा अधिकतम सीमा को 14 लाख रूपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया जायेगा। दीन दयाल गृह आवास योजना के अंतर्गत होमस्टे स्थापित करने वाले उद्यमियों को सब्सिडी कुल लागत की मौजूदा 33 प्रतिशत या 10 लाख रुपये, जो भी कम से बढ़ाकर सब्सिडी कुल लागत का 33 प्रतिशत या 12 लाख रुपये, जो भी कम हो, किया जाएगा।

धामी ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज हम वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी का स्मरण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने मुख्य सेवक के रूप में जिम्मेदारी निभानी शुरू की है तब से सरकार लगातार ही जनहित के फैसले ले रही है। युवाओं को रोजगार से जोड़ते हुए विभिन्न विभागों पर रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती का कार्य 15 अगस्त से शुरू हो गया है। साथ ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में इच्छुक युवाओं की सुविधा अनुसार कैंप लगाए जा रहे हैं। सरकार जो घोषणा करेगी, घोषणाओं के शासनादेश भी जारी होंगे। उन्होंने कहा राज्य में लंबे समय बाद चार धाम यात्रा शुरू हुई है, ऐसे में यात्रियों को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े उसके लिए सरकार कार्य कर रही है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत कार्य करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को कोरोना काल में समस्याओं का सामना करना पड़ा। उनके लिए 119 करोड़ का राहत पैकेज  दिया गया। ग्राम प्रधानों का मानदेय बढ़ाया गया।
रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि उन्होंने उत्तराखण्ड को बहुत बड़ा सम्मान दिया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में आगे बढे, देश के अग्रणी राज्यों में हमारे राज्य का नाम हो इसके लिये वे निरंतर प्रयासरत हैं। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, सांसद गढ़वाल तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, डा. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, विधायक महंत दिलीप रावत, रितु खंडूड़ी, मुकेश कोली, महेश जीना, भरत सिंह चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे। समारोह में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी व उनकी टीम ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दीं। 

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