देहरादून। आज बुधवार को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में खरीफ सीजन में धान की खरीद के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऊधमसिंह नगर में 1 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक केवल उत्तराखंड के ही किसानों के धान की खरीद की जाएगी। उसके पश्चात् सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने स्तर से इस तिथि को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य जनपदों के जिलाधिकारी अपने स्तर से ये सुनिश्चित करने को स्वतंत्र होंगे कि केवल उत्तराखंड के ही किसानों से कब तक खरीद करनी है तथा किस तिथि के बाद उत्तराखण्ड अथवा अन्य राज्यों के किसानों दोनों से खरीद की जा सकती है। यह ध्यान रखा जाए कि उत्तराखंड के किसानों को खरीद में वरीयता मिले। किसी भी तरह से किसानों के उपज को मॉस्चर (नमी) अथवा खराब बताकर अथवा घटतौली या बिचौलियों की भूमिका से या अन्य किसी भी तरह से किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं होनी चाहिए।
मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों खाद्य विभाग, सहकारिता तथा संबंधित पक्षों से धान की खरीद में आने वाली कठिनाइयों के संबंध में संबंधित स्टेक होल्डर (पक्षों) का पक्ष सुनने के पश्चात् विभागीय अधिकारियों तथा जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार को धान की व्यवस्थित, पारदर्शी और शीघ्रता से खरीद के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों और क्रय केन्द्रो का संचालन करने वाले प्रबन्धकों के सख्त निर्देश दिये कि धान की खरीद में किसानों के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी अथवा किसानों का किसी भी प्रकार का शोषण बर्दाशत नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों से धान की व्यवस्थित और पारदर्शी खरीददारी में जो भी कठिनाइयां हैं, उनको तत्काल दूर करें। इसमें लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी।
उन्होंने सभी क्रय केन्द्रों पर 50 से 100 मॉस्चर (नमी) मीटर रिजर्व के रूप में रखने के निर्देश दिये। कहा कि जब तक क्रय केन्द्रों पर किसानों का धान आ रहा है तब तक उसको खरीदते रहें। सारी प्रक्रिया समय से पूरी हो, इसके लिए वार्षिक कैलेंडर बना लें और उसका अनुपालन करें। उन्होंने भुगतान की पहले की पेंडेंसी को तत्काल निपटाने तथा आगे से भुगतान से संबंधित प्रक्रिया को सरलीकृत करने तथा पोर्टल से सम्बन्धित जो भी तकनीकी समस्या है उसको भी तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए।
बैठक में सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, मीनाक्षी सुन्दरम, एचएस बोनाल, अपर सचिव प्रताप शाह, आरएफसी (संभागीय खाद्य नियंत्रक) गढ़वाल बीएस राणा, वित्त नियंत्रक डॉ. एमएस बिसेन आदि उपस्थित रहे।