उत्तराखंड : कुल 17 हुए कंटेनमेंट जोन, किये सभी सील

  • बीते 20 मई को मुंबई से श्रमिक एक्सप्रेस से हरिद्वार आए रुद्रप्रयाग के छह लोगों में एक साथ हुई थी कोरोना की पुष्टि

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हरिद्वार जिले में चार नए क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। अब प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या 17 हो गई है। वहीं देहरादून के चमन विहार कॉलोनी को कंटेनमेंट जोन से बाहर किया गया है।
हरिद्वार जनपद में लक्सर क्षेत्र के मुंडाखेड़ा कला, दुर्गापुर और ग्राम दबकी और रुड़की की आदर्श कॉलोनी को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। सबको मिलाकर देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले में कंटेनमेंट जोन की संख्या 17 हो गई है। इन कंटेनमेंट जोन में किसी भी गतिविधि में कोई रियायत नहीं है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध है।
अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से नए कंटेनमेंट जोन चिह्नित किए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में संक्रमित मरीज संस्थागत क्वारंटीन में मिल रहे हैं, अब उन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया जा रहा है। होम क्वारंटीन में रहने वाले संक्रमित मरीजों के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है।
हरिद्वार जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को जिस बात का डर सता रहा था, वही हुआ और 20 मई को मुंबई से श्रमिक एक्सप्रेस से हरिद्वार आए रुद्रप्रयाग के छह लोगों में एक साथ कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें एक छह साल का बच्चा, दो महिलाओं समेत तीन युवक शामिल हैं। सभी को पिरान कलियर से लाकर मेला अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। 20 मई को मुंबई से श्रमिक एक्सप्रेस से हरिद्वार पहुंचे प्रवासियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है।
बीते शनिवार को इसी ट्रेन से आने वाले 55 प्रवासी एक साथ नैनीताल में पॉजिटिव पाए गए थे। रविवार को भी वहां करीब 30 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गईं। क्योंकि, इस ट्रेन से आने वाले कुल 1607 प्रवासियों में से 479 को कलियर में संस्थागत क्वारंटीन किया गया था। इनमें रुद्रप्रयाग के 315, चमोली के 112, उत्तरकाशी के 44 और हरिद्वार के आठ लोग शामिल हैं।
प्रशासन को डर सता रहा था कि एक ट्रेन में यात्रा करने के कारण इनमें से भी कई लोगों कोरोना पॉजिटिव पाए जा सकते हैं। सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि इनमें से कुछ सैंपल दून मेडिकल कॉलेज और कुछ एम्स ऋषिकेश भेजे गए थे।

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