चुनाव पास आते ही भाजपा को आई बेरोजगारों की याद : डाॅ. प्रतिमा सिंह

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डाॅ. प्रतिमा सिंह ने रिक्त पदों पर शीघ्र बेरोजगारों को भर्ती किये जाने को भाजपा सरकार का चुनावी जुमला करार देते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आते ही भाजपा को युवा बेरोजगारों की याद आने लगी है।
डाॅ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार को साढे चार साल बीत चुके हैं परन्तु आज तक एक भी पद के लिए विज्ञप्ति जारी नहीं की गई परन्तु अब चुनाव आते ही भाजपा सरकार के मंत्रियों के बयान बेरोजगार युवाओं का उपहास उड़ाने जैसे प्रतीत होते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे केन्द्र में मोदी की युवाओं को लेकर घोषणायें हों या प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री व मंत्रियों की, सभी ने राज्य के बेरोजगार युवाओं के जज्बातों से खेलने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि जब चार माह पहले तीरथ सिंह रावत ने भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री की बागडोर संभाली थी तो उन्होंने 24 हजार नौकरियों पर नियुक्ति की बात की और अब पुष्कर धामी बागडोर संभालते ही 22 हजार नौकरियां देने की बात कर रहे हैं। इससे पहले इस सरकार के पहले मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत तो अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर ‘तीन साल बेमिसाल’ के जुमले के साथ राज्य में 7 लाख बेरोजगारों को नौकरी देने की बात कर चुके हैं। अब चुनाव नजदीक आते ही भाजपा सरकार के मंत्री सतपाल महाराज सिंचाई विभाग में नियुक्तियों का राग अलाप रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा सरकारों को बेरोजगार विरोधी सरकार बताते हुए कहा कि चाहे केन्द्र सरकार हो या राज्य सरकार, भाजपा ने हर स्तर पर नौजवानों को छलने का ही काम किया है। जब से केन्द्र में मोदी सत्ता पर काबिज हुए, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोने पडे हैं। राज्य के सभी जिलो के रोजगार कार्यालयों में लाखों युवा बेरोजगार पंजीकरण कराकर रोजगार की बाट जोह रहे हैं परन्तु भाजपा सरकार झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं दे पा रही है और भाजपा सरकार के मुखिया गद्दी पर बैठते ही झूठे वादे करते जा रहे हैं।
उन्होने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकारों ने राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए उपनल जैसे उपक्रमों के माध्यम से रोजगार देने का काम किया था तथा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उपनल में लम्बे समय से कार्यरत कर्मचारियों के लिए समयबद्ध तरीके से 7 वर्ष की सेवा पूरी करने पर स्थायी नियुक्ति का आदेश जारी किया था परन्तु भाजपा सरकार ने सत्तारूढ़ होते ही उस आदेश को निरस्त कर दिया और जब उच्च न्यायालय नैनीताल ने कर्मचारियों के हक में समान कार्य समान वेतन के आदेश दिये तो भाजपा के राज्य सरकार इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गई। भाजपा सरकार की इस कार्रवाई से स्पष्ट हो जाता है कि वह बेरोजगारों के प्रति कितने संवेदनशील है। आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश का बेरोजगार युवा भाजपा को इसके लिए जरूर सबक सिखायेगा।

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