उत्तराखंड : प्रीतम सिंह बोले, हारे हैं लेकिन हथियार नहीं डाले

देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस भले ही चुनाव में हार गई है, लेकिन हमने हथियार नहीं डाले हैं। अगर सरकार आम जनता के हितों की अनदेखी करती है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। दून अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे कोरोना काल में आउटसोर्स के माध्यम से नौकरी पर लगे कर्मचारियों की सेवा विस्तार की मांग के समर्थन में प्रीतम सिंह भी वहां पहुंचे थे।प्रीतम सिंह ने महंगाई और बेरोजगारी पर भाजपा की डबल इंजन की सरकार पर भी तंज कसा। चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि दोबारा सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने पहला काम लोगों को बेरोजगार करने का किया है। विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस जनहित को लेकर सरकार को कुछ समय देना चाहती थी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरुआत में ही विरोध नहीं करना चाहती थी, लेकिन सरकार इस तरह के कार्य कर रही है कि जनता के हित को लेकर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ रहा है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड कार्यकाल में वार्ड बॉय, वार्डन, नर्स, एंबुलेंस चालक समेत विभिन्न संवर्गों के 610 कर्मचारियों को उपनल और पीआरडी के माध्यम से आउटसोर्सिंग कर नौकरी दी गई थी, लेकिन कोरोना लगभग खत्म होते ही प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल से उनकी सेवा समाप्त कर दी।पूर्व विधायक राजकुमार और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग को मुख्यमंत्री से मिलकर उनके समक्ष रखेगा। धरने के समर्थन में बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक राजकुमार, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पार्षद निखिल कुमार, राजेंद्र शाह, संदीप चमोली, सोमप्रकाश वाल्मीकि, अजय रावत, कमर खान, विकास नेगी, यश रतूड़ी आदि शामिल रहे।

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