स्टिंग के नाम पर ब्लैकमेलिंग में पांच पत्रकारों पर लटकी तलवार!

  • युवतियों का गलत इस्तेमाल कर 10 अस्पतालों में स्टिंग के नाम पर उनके प्रबंधकों से लाखों की रकम ऐंठने के आरोपों की पुष्टि

काशीपुर/रुद्रपुर। क्षेत्र में कथित पांच पत्रकारों की ओर से स्टिंग कर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को ब्लैकमेल करने के मामले में एएसपी राजेश भट्ट ने जांच पूरी कर एसएसपी को रिपोर्ट सौंप दी है। एसएसपी का कहना है कि जांच में युवती के आरोप सही पाए गए हैं। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एक-दो दिन में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
बाजपुर निवासी एक युवती ने डीजी (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार को शिकायती पत्र भेजकर बाजपुर, सुल्तानपुर पट्टी, केलाखेड़ा, रुद्रपुर, मसवासी (रामपुर) निवासी पांच पत्रकारों पर स्टिंग के नाम पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। युवती का कहना था कि नौकरी दिलाने का झांसा देकर कथित पत्रकारों ने उसे 10 दिन तक अपने साथ रखा। स्टिंग के लिए उसे डॉक्टरों के सामने गर्भवती बनाकर पेश किया जबकि वह गर्भ से नहीं थी। गिरोह ने फर्रुखाबाद के 10 अस्पतालों में स्टिंग कर अस्पताल प्रबंधकों से लाखों रुपये की रकम ऐंठ ली। कई अन्य युवतियों का भी स्टिंग में गलत इस्तेमाल किया गया। डीजी अशोक कुमार ने एसएसपी दलीप सिंह कुंवर को जांच के आदेश दिए थे, जिस पर एसएसपी ने काशीपुर एएसपी राजेश भट्ट को जांच सौंपी।
बीते सोमवार को एएसपी भट्ट ने जांच पूरी कर रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी है। एसएसपी कुंवर ने बताया कि जांच रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। संभवत: अगले एक-दो दिन में इस प्रकरण में कार्रवाई शुरू हो जाए। आरोपियों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर, स्टिंग के संबंध में उपलब्ध वीडियो और अन्य दस्तावेज साक्ष्य के तौर पर संकलित किये  जा रहे हैं। इसके बाद कथित पत्रकारों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
लेनदेन के विवाद से फूटा भांडा : रकम के लेन-देन को लेकर शिकायतकर्ता युवती के साथ हुआ विवाद कथित पत्रकारों को महंगा पड़ा। युवती का कहना है कि गिरोह के सदस्यों ने नौकरी का झांसा देकर उससे 50 हजार रुपये की रकम ली थी। नौकरी न लगने पर रुद्रपुर निवासी कथित पत्रकार ने उसे 20 हजार रुपये का चेक दिया और शेष 30 हजार बाद में देने की बात करता रहा, लेकिन बाद में वह बकाया रकम देने की बात से मुकर गया। हालांकि यह भी चर्चा है कि आरोपी कथित पत्रकारों की ओर से शिकायतकर्ता युवती से कोई रकम नहीं ली गई बल्कि उल्टे उसे 20 हजार रुपये की रकम दी गई है। युवती उनसे अधिक रकम की मांग कर रही थी। शिकायत होने पर एक बिचौलिये पत्रकार ने युवती को कई बार फोन कर मामला निपटाने को कहा, लेकिन रकम न मिलने के कारण वह शिकायत वापस लेने को राजी नहीं हुई।
उधर एक निजी अस्पताल में काम करने वाली शिकायतकर्ता युवती ने दबाव के चलते अपना घर छोड़ दिया है। युवती अपने मामा के घर चली गई है। बदनामी और धमकियों के डर से युवती के मामा और भाई भी इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पिता का कहना है कि कथित पत्रकारों ने उसकी बेटी के साथ ठीक नहीं किया है। पिता ने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
एसएसपी डीएस कुंवर ने बताया कि बाजपुर की युवती की ओर से कुछ पत्रकारों पर लगाए गए आरोपों की जांच एएसपी ने पूरी कर ली है। जांच में आरोप सही साबित हुए हैं। इसकी जानकारी डीजी कानून एवं व्यवस्था को भी दे दी गई है। जल्द ही मामले में नामजद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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