उत्तराखंड के कर्नल धर्मेंद्र नेगी को मिला युद्ध सेवा पदक (YSM)

देहरादून। भारतीय सेना में उत्तराखंड के वीरों का लोहा सारी दुनिया मानती है। इसी लिए प्रथम विश्व युद्ध से लेकर आजतक हुई सभी लड़ाइयों में वीरता पदकों की सूची में उत्तराखंड के जांबाज हमेशा सबसे आगे दिखाई देते हैं। हाल ही में भारतीय सेना की मध्य कमान में अलंकरण समारोह आयोजित किया गया जिसमे उत्तराखंड के वीरों को भी वीरता पदकों से अलंकृत किया गया।

उत्तराखंड के कर्नल धर्मेंद्र सिंह नेगी को युद्ध सेवा पदक से अलंकृत किया गया है।। कर्नल धर्मेंद्र सिंह नेगी पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले हैं और सेना की राजपूत रेजिमेंट से हैं। उन्हें यह पदक कश्मीर में तैनाती के दौरान अदम्य साहस और उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रदान किया गया है। वर्ष 2019 में बटालियन के कमान अधिकारी रहते हुए उनकी बटालियन को अब CDS और तत्कालीन थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के द्वारा “यूनिट साइटेशन” से भी अलंकृत किया जा चुका है। वह वर्तमान में सेना की मध्य कमान में तैनात हैं। उनके पिता स्व लेफ्टिनेंट कर्नल कुलदीप सिंह नेगी और दादा स्व मेजर मनोहर सिंह नेगी भी सेना में थे।
गढ़वाल राइफल्स के हवलदार नागेंद्र सिंह रावत, राइफलमैन प्रीतम सिंह, कुमाऊँ रेजिमेंट के सिपाही संदीप सिंह कलाकोटी और पैराट्रूपर आशुतोष सिंह को सेना मेडल से अलंकृत किया गया।
इस अलंकरण समारोह में सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आइएस घुमन ने सभी वीर सैनिकों को अदम्य साहस के लिए वीरता पदक प्रदान किया।
युद्ध सेवा पदक युद्धकालीन समय के दौरान प्रतिष्ठित सेवा के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित सैन्य सम्मान है। यह परिचालन संबंधी संदर्भ में जिसमें युद्ध, संघर्ष या शत्रुता के समय शामिल हैं विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

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