जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव विकराल रूप लेता जा रहा है। घरों और सड़कों में पड़ रही बड़ी-बड़ी दरारें लोगों को डरा रही हैं। जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव से न सिर्फ राज्य सरकार, बल्कि केंद्र सरकार भी चिंतित नजर आ रही है। केंद्र सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव के रहस्य का पता लगाने के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी। इस संबंध में शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने आदेश जारी किए हैं। जलशक्ति मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, कमेटी में पर्यावरण व वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के विशेषज्ञ शामिल होंगे। कमेटी जमीन धंसने के कारणों और प्रभाव की जांच करेगी।
जोशीमठ में जिन लोगों के घरों में दरार आई है और घर छोड़कर कहीं और रह रहे हैं उनको सरकार की ओर से 4000 अगले छह माह तक किराए के तौर पर कहीं और रहने के लिए दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी किए हैं। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भू-धंसाव से पैदा हुए हालात का जायजा लेने आज शनिवार को जोशीमठ का दौरा करेंगे।
उधर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ भू-धंसाव की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सचिव को भेज दी है। डीएम ने बताया कि नगर में कुल 561 भवनों में दरार आई है। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरार आई है। वहीं जोशीमठ में भू धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है। घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं। 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं।
वहीं, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार और आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने भू-वैज्ञानिकों की टीम के साथ जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का गहन सर्वेक्षण किया। सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ नगर में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम की ओर से हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिंताजनक हैं। अभी तात्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है।
बता दे कि जोशीमठ में स्थिति को देखते हुए एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट के टनल के अंदर का कार्य भी पूरी तरह से रोक दिया गया है। समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बीआरओ के अन्तर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य, एनटीपीसी के तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्य एवं नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।