महाराज के पूरे परिवार सहित 22 लोग मिले कोरोना संक्रमित!

  • कैबिनेट मंत्री की पत्नी अमृता रावत के बाद अब महाराज के साथ उनके बहू बेटे के पॉजिटिव मिलने से मचा हड़कंप
  • इस बीच दो बार कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे महाराज, इससे उत्तराखंड की पूरी कैबिनेट में डर का माहौल
  • पौड़ी गढ़वाल के चौबट्टाखाल के उन ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल, जो आये थे सतपाल व अमृता के संपर्क में  

देहरादून। आज रविवार को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और उनका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव पाये जाने से हड़कंप मच गया है। महाराज के परिवार समेत कर्मचारियों में भी 22 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
गौरतलब है कि बीते शनिवार को सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत भी कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सतपाल महाराज और उनके पूरे परिवार का सैंपल लिया था। उनके घर में काम करने वाले कर्मचारियों के भी सैंपल लिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सतपाल महाराज सहित कुल 41 लोगों के सैंपल लिए थे। जिसमें 35 स्टाफ के लोग भी शामिल थे। सतपाल महाराज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उत्तराखंड की पूरी कैबिनेट में डर का माहौल पैदा हो गया है क्योंकि इस बीच महाराज दो बार कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे।

जांच में महाराज, उनके बेटे और बहू की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उनके एक बेटे की रिपोर्ट में अभी  संशय है। इसलिए एक बेटे का सैंपल दोबारा से जांच के लिए भेजा जाएगा और फिर जांच होगी। इसके साथ ही महाराज के स्टाफ के 17 लोग जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमें से छह कर्मचारियों की दोबारा से जांच की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने सतपाल के घर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन कर दिया है। साथ ही महाराज के परिवार को देहरादून के होटल में क्वारंटाइन किया गया है। अब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। गौरतलब है कि शनिवार को महाराज की पत्नी अमृता रावत की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। जिसके बाद उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया है।
महाराज के पूरे परिवार के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने से पौड़ी गढ़वाल के चौबट्टाखाल के ग्रामीणों में भय पसर रहा है। यहां सतपाल महाराज और अमृता रावत ग्रामीणों के संपर्क में आए थे। गौरतलब है कि सतपाल महाराज हाल में अपने बेटे सुयश रावत की पॉलिटिकल लांचिंग को लेकर परिवार समेत कई गांव घूमे और ग्रामीणों से संवाद किया, राशन बांटा था।
मिली जानकारी के अनुसार आठ मई को उन्होंने अपने गांव सैंडियाखाल गैडगांव में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक ली थी। इसके बाद वह 15 मई को संगलाकोटी आए थे। इस दौरान उनकी पत्नी अमृता रावत साथ में थी। उन्होंने भी ग्रामीणों को राशन दिया। डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना संक्रमण 14 दिन से 22 दिन तक की अवधि में हो सकता है। इस आधार पर अमृता रावत की तबीयत 24 मई से खराब थी यानी अब संपर्क में आए ग्रामीणों को भी खतरा है।

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