उत्तराखंड : मलबा आने से बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे कई जगह बंद

चमोली/उत्तरकाशी। लगातार बारिश के चलते सोमवार को बदरीनाथ हाईवे हाथी पहाड़ से मलबा और बोल्डर आने के कारण चार जगहों पर बंद हो गया है। हनुमानचट्टी से बदरीनाथ के बीच तीन जगहों पर हाईवे बंद है। बदरीनाथ से किसी भी तीर्थयात्री को गंतव्य के लिए नहीं भेजा जा रहा है। बदरीनाथ धाम में करीब 2500 यात्री रोके गए हैं।
उधर, गंगोत्री हाईवे सुखी टॉप के पास मलबा आने के कारण बंद हो गया है। साथ ही हाईवे पर धरासू बैंड और धरासू थाने के बीच मलबा और पत्थर आने के कारण रास्ता बंद है। 
मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद महाराष्ट्र और दिल्ली से आए पर्यटक लोहाजंग व वाण में ही रुके हैं। वन विभाग ने गैरोली पातल से पर्यटकों को वापस बुला लिया है। वन विभाग के डिप्टी रेंजर त्रिलोक बिष्ट ने बताया कि वेदनी, आली, ब्रह्मताल जाने के लिए पर्यटक लोहाजंग और वाण पहुंचे थे, जिन्हें वहीं रोक दिया गया है। जबकि चार टूरिस्टों को गैरोली से बुला लिया गया है। 19 अक्तूबर तक ट्रेकिंग पर रोक लगाई हुई है। सभी पर्यटक सुरक्षित स्थान पर हैं। 
गढ़वाल की ऊंची पहाड़ियों से लेकर मैदानी क्षेत्र तक दो दिन से हो रही भारी बारिश से जहां कोटद्वार में पांच सड़कें बंद हो गई हैं, वहीं कई सड़कों पर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। कोटद्वार से दुगड्डा के बीच पांचवें मील पर स्थित गदेरे के उफान पर रहने से करीब एक घंटा यातायात बाधित रहा। पुलिस ने कोटद्वार से ऊपर पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के दौरान न जाने की सलाह दी है। यूपी बाॅर्डर पर पर्यटकों को रोककर उन्हें अलर्ट किया जा रहा है।
उधर, सड़कें बंद होने के कारण इन मार्गों से जुड़े दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क कट गया है। लोनिवि की ओर से बंद मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई हैं। आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, प्रांतीय खंड पौड़ी और निर्माण खंड पाबौ के अंतर्गत 191 किमी. पर सतपुली के निकट और 163 किमी. पर संगलाकोटी के समीप मलबा आने से दो जगहों पर मार्ग बंद हो गया है। इसके अलावा फतेहपुर-लैंसडौन प्रमुख जिला मार्ग पालकोट गांव के समीप, लिस्कोट-किनगोड़ीखाल ग्रामीण मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से इन मार्गों के दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क कट गया है।
लोनिवि की ओर से मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई हैं। डिग्री कॉलेज सतपुली के समीप गदेरे में मलबा आने से देवप्रयाग मार्ग बंद हो गया। मलबा हटाने के लिए लोनिवि की ओर से जेसीबी लगाई गई और दोपहर 2 बजे के बाद मार्ग पर यातायात सुचारु हो सका। सतपुली में नेशनल हाईवे पर विकास मोहल्ले के समीप मलबा आने से करीब तीन घंटा यातायात बाधित रहा। कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि कोटद्वार-दुगड्डा के बीच पांचवां मील के पास गदेरा उफान पर रहा। इस दौरान लोगों को गदेरे का जलस्तर कम होने के बाद ही आवाजाही के दिशा निर्देश दिए गए। बताया कि मैदानी क्षेत्रों से आए पर्यटकों को पहाड़ी मार्गों पर न जाने की सलाह दी गई है।
कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे पर सूखा पेड़ गिरने से शाम करीब पांच बजे तक बड़े वाहनों की आवाजाही बंद रही। टहनियां काटकर छोटे वाहनों की आवाजाही तुरंत शुरू कर दी गई थी। पेड़ गिरने से बिजली का तार भी टूट गया, जिससे विद्युत आपूर्ति बंद रही। शाम पांच बजे पुलिस और एनडीआरएफ ने पेड़ हटाकर यातायात बहाल कराया।
मलबा आने से डिम्मर-टटासू-सिमली, टोंड-सुमल्टा तथा सिमली-शैलेश्वर मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गया। उधर आदिबदरी क्षेत्र में बारिश से ठंड बढ़ गई है। लगातार हो रही बारिश से खेतीगाड़, कांसुवागाड़, बसुधारा, भलसों गधेरा, आटागाड़ में पानी बढ़ गया है। इससे चौलाई की फसल खराब होने की आशंका बनी हुई है। 
थराली में आधा दर्जन से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। पिंडर नदी का जल स्तर बढ़ने से लोग दहशत में हैं। उपजिलाधिकारी सुधीर कुमार ने कहा कि सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर रहें और यात्रा न करें। नदियों और नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। उधर, गैरसैंण में उंचाई वाले इलाकों दूधातौली व पैंसर की चोटियों में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। 

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