अब उत्तराखंड के नौनिहालों को कोरोना से बचाएगा ‘स्वर्णप्राशन’!

  • उत्तराखंड आयुर्वेद विवि ने बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दिया प्रदेश के सभी बच्चों को ‘स्वर्णप्राशन’ देने का प्रस्ताव  

देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का समुचित विकास करने के लिए प्रदेश के सभी बच्चों को ‘स्वर्णप्राशन’ देने का प्रस्ताव दिया है। आयुष सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रस्ताव मिल गया है और उसका परीक्षण करवाया जा रहा है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के डॉ. मयंक श्रीवास्तव ने आयुर्वेद में वर्णित स्वर्ण प्राशन विधि का बच्चों के वृद्धि, विकास एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया है और उन्होंने विवि के माध्यम से यह प्रस्ताव सरकार को दिया है। डॉ. मयंक ने इस प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के समक्ष भी किया है। डॉ. मयंक ने बताया कि आयुर्वेद में बच्चों के सर्वांगीण स्वास्थ्य संरक्षण का विशेष महत्व दिया गया है। आयुर्वेद में बच्चों के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने हेतु ‘स्वर्णप्राशन’ का वर्णन है एवं भारतवर्ष में इसे प्राचीन काल से ही दिया जा रहा है। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि देहरादून ने भी इसके लाभों की पुष्टि की है। विवि द्वारा समय समय पर बच्चों के लिए स्वर्ण प्राशन कैम्प लगाए जाते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में बच्चों के सर्वांगीण विकास और अच्छी इम्यूनिटी के लिए स्वर्ण प्राशन बहुत लाभदायक हो सकता है।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा समूचे देश के परिप्रेक्ष्य में  ये प्रस्ताव राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ को भी प्रेषित किया गया है, जो आयुष मंत्रालय को तकनीकि सुझाव देती है। गौरतलब है कि स्वर्ण हमारे शरीर के लिए श्रेष्ठतम धातु मानी जाती है और यह धातु बच्चों के साथ ही हर उम्र के लिए उतनी ही फायदेमंद और रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाने वाली होती है। इसलिए तो स्वर्ण प्राशन का हमारे जीवन में सदियों से महत्व चला आ रहा है। इसका शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण प्रभाव होने के कारण ही शुभ माना जाता है। हमारे ऋषि मुनियों का मानना था कि स्वर्ण कैसे भी करके हमारे शरीर में जाना चाहिए। चाहे वह पहनने के द्वारा या फिर सोने के बर्तन में खाना खाने द्वारा हो।सोना हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता ही है और साथ में यह बौद्धिक क्षमता भी बढ़ाता है। यह शरीर एवं बुद्धि का उच्च विकास करने वाली धातु है।

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