अंकिता हत्याकांड: …तो प्रशासन ने वाहवाही लूटने के चक्कर में जेसीबी चलाकर मिटाए साक्ष्य!

देहरादून। अंकिता भंडारी हत्याकांड का खुलासा होने के बाद पुलिस और प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वनंत्रा रिजॉर्ट में रातोंरात जेसीबी चलाकर आगे के कमरे को तोड़ दिया गया। इसी कमरे में अंकिता रहती थी। जांच के लिए पुलिस ने इस कमरे का सील किया था, लेकिन वाहवाही लूटने के चक्कर में या आरोपियों को बचाने के लिये अंकिता के कमरे को तोड़ कर सारे सबूत नष्ट कर दिए गए।
इस मामले में अंकिता भंडारी के परिजनों ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका अंदेशा है कि प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल हो सकता है। इसके चलते अंकिता के भाई ने सरकार से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई है। वहीं अंकिता के पिता का कहना है कि प्रशासन ने जल्दबाजी में रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा तोड़ दिया। उसमें अहम सबूत हो सकते थे। अब जब पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आएगी तब ही अंकिता की अंत्येष्टि की जाएगी। वहीं, प्रशासन की टीम अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनाने में जुटी है।
गौरतलब है कि शुक्रवार रात को वनंत्रा रिजॉर्ट पर जेसीबी चला दी गई। अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है। ऐसे में रिजॉर्ट और अंकिता के कमरे से पुलिस ने फोरेंसिक नमूने एकत्र कर सील कर दिया था। मृतका  और अपराधी जिस स्थान पर अंतिम बार दिखाई दिए, वहां फोरेंसिक और मैटेरियल साक्ष्य मिलने की प्रबल संभावना होती है।
पुलिस ने रिजॉर्ट को सील कर दिया था, लेकिन प्रशासन ने रिजॉर्ट को जेसीबी से तोड़ दिया। जेसीबी ने पहला कमरा वह तोड़ा, जिसमें अंकिता रहती थी। अब पूरा कमरा खुला पड़ा है, सारा सामान जमीन पर बिखरा है और कमरा मलबे से भरा पड़ा है। ऐसे में पुलिस के लिए मौके से साक्ष्य एकत्र करना आसान नहीं है। एएसपी शेखर सुयाल ने बताया कि प्रशासन की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
रात को वनंत्रा रिजॉर्ट का आगे का ढांचा तोड़ने के बाद जेसीबी सुबह रिजॉर्ट के बाहर खड़ी रही, लेकिन रिजॉर्ट के बाकी बचे हिस्से को नहीं तोड़ा। इसके बाद जेसीबी चली गई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जेसीबी से रिजॉर्ट गिराकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया है।
इस मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने अंकिता हत्याकांड को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार से ये  सवाल कर उनका जवाब मांगा है…
1. जब चीला से अंकिता नहीं लौटी और अभियुक्त अकेले आये तो सारे रिजॉर्ट और आस-पास ये चर्चा हो गई कि अंकिता को नहर में डाल दिया गया है, फिर भी स्थानीय पटवारी को छुट्टी पर क्यों जाने दिया?
2. प्रशासन को मीडिया के सारे घटनाक्रम छपने के बाद भी अभियुक्त को गिरफ्तार करने में इतना वक्त क्यों लगा ?
3. अभियुक्त को पुलिस कस्टडी के बजाय ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया ?
4. अंकिता का शव खोजने में जो विलंब हुआ, वह साक्ष्य मिटाने की कड़ी तो नहीं है ?
5. साक्ष्य स्थल पर बुलडोजर फिराने और लोगों को आग लगाने के लिए उकसाने के पीछे कौन है और यह कार्य किन लोगों के हाथों से हुआ?
6. अभियुक्त को छात्र जीवन से ही मिले राजनीतिक संरक्षण देने वाले संरक्षकों के चेहरे भी क्या बेनकाब होंगे ?
7. पुलिस ने अभी अभियुक्त का पुलिस रिमांड क्यों नहीं मांगा ?

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