उत्तराखंड में आपदा का कहर : और 54 लोग फंसे, 6 पर्यटकों की मौत और 11 लापता, कुल 64 चढ़े भेंट

देहरादून। प्रदेश में भारी बारिश के चलते आई आपदा में मृतकों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। 11 लोग लापता हैं और ट्रैकिंग टीम के 6 सदस्यों की भी मौत की खबर है। आपदा में फंसे 3400 लोगों को बचाया गया है। 
आज गुरुवार को बागेश्वर जिले की सुंदरढूंगा घाटी में चार पर्यटकों की मौत की खबर मिली है और दो लापता हैं। बागेश्वर जिले के पिंडारी, सुंदरढूंगा व कफनी ग्लेशियर क्षेत्र में अभी भी 54 लोग फंसे हुए हैं।
सुंदरढूंगा घाटी में मैकतोली, भानूटी ग्लेशियर के आस-पास ट्रैक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई है और दो पर्यटक लापता बताये गये हैं। यह जानकारी उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुंदरढूंगा से सुरेंद्र सिंह ने दी है। कफनी ग्लेशियर ट्रेक में 20 गांव वाले भी फंसे हुए हैं। वहीं जिला सूचना अधिकारी कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है।
पोर्टर सुरेंद्र ने बताया कि एक घायल समेत चार लोग खाती गांव लौट आए हैं। वहीं देर से हरकत में आए जिला प्रशासन ने पिंडारी की तरफ दो टीमें राहत-बचाव के लिए भेज दी हैं। कपकोट के एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि सुंदरढूंगा की तरफ भी एसडीआरएफ की टीम और मेडिकल टीम भी रवाना हो गई है। प्रदेश में विगत 17 से 19 अक्टूबर तक बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। आपदा से 62 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि बागेश्वर के जिला आपदा विभाग को दो दिन पहले कोलकाता से किसी महिला ने फोन कर बताया था कि उसके परिजन और उनके मित्र सुंदरढूंगा घाटी में ट्रैक पर गए हैं, जहां उनके साथ दुर्घटना होने की सूचना उन्हें मिली है। महिला ने आपदा विभाग से इस बारे में उनकी मदद करने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद उक्त महिला ने देहरादून मुख्यालय से गुहार लगाई।
देहरादून मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद बागेश्वर जिला प्रशासन ने बीते बुधवार को देर शाम एक टीम को राहत-बचाव के लिए रवाना किया। हालात गंभीर होते देख गुरुवार को राहत-बचाव करने के लिए जिला प्रशासन ने एक टीम फिर भेजी है और इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से राहत-बचाव अभियान की कवायद भी शुरू कर दी गई है। जिला सूचना अधिकारी बागेश्वर के मुताबिक पिंडारी, सुंदरढूंगा व कफनी ग्लेशियर में 34 लोग फंसे हुए हैं। अतिवृष्टि के कारण पिंडारी ग्लेशियर ट्रैक पर पड़ने वाले गांव द्वाली में 18 पर्यटक, 06 विदेशी और 10 गांव वाले फंसे हुए हैं।
वहीं कफनी ग्लेशियर ट्रैक में 20 गांव वाले और सुंदरढूंगा ग्लेशियर ट्रैक पर 4 पर्यटकों की मौत हो गई है और दो पर्यटक लापता हैं। तहसील कपकोट से राजस्व विभाग, पुलिस और वन विभाग की दो टीम 20 अक्टूबर को रवाना की गई हैं।  
आज गुरुवार को दो और टीमों को रवाना किया गया है। इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान चलाए जाने का भी फैसला लिया गया है। आज गुरुवार को फिर वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पिथौरागढ़ और कपकोट के लिए उड़ान भरी है। जहां आपदा प्रभावितों के लिए राहत-बचाव कार्य किया जाएगा। साथ ही वायु सेना ने एमआई 17 हेलीकॉप्टर को भी इस अभियान में उतार दिया है। जिसमें एनडीआरएफ के जवान प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का कार्य करेंगे।

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