अपने क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों के लिए वन पंचायतों को बनायें कार्यदायी संस्था

  • थराली में वन सरपंच संघ की बैठक में ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कई प्रस्ताव पारित

थराली से हरेंद्र बिष्ट।
इस विकासखंड के वन सरपंचों की बैठक में वन पंचायत क्षेत्रों में होने वाले विकास कार्यों एवं निर्माण कार्यों के लिए वन पंचायतों को कार्यदायी संस्था बनाने सहित कई प्रस्ताव पारित किए गए।
आज शुक्रवार को थराली के ब्लॉक सभागार में वन सरपंच संघ के ब्लाक अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कहा गया कि वन पंचायत की सीमा के अंतर्गत पूरे राज्य में तमाम विकास एवं निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। किंतु इसमें कार्यदायी संस्था अन्य विभागों को बनाया जा रहा है। जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कमी आने के साथ ही अनावश्यक विवाद हो रहें हैं। सरपंचों ने वन पंचायत सीमांतर्गत होने वाले कार्यों के लिए वन पंचायत को ही कार्यदाई संस्था बनाये जाने की सरकार से मांग की।

इसके साथ ही वन पंचायत सरपंचों को वन पंचायत के कार्यों के लिए आने जाने पर यात्रा भत्ता दिए जाने, सभी वन पंचायतों को जायका योजना से जोड़े जाने, वन पंचायतों के माइक्रोप्लान में परामर्शदायी समिति की रायशुमारी आवश्यक रुप से लिए जाने, वन पंचायतों की सिविल भूमि को भूमिहीन स्थानीय ग्रामीणों को दिए जाने, किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए वन पंचायतों को कृषि भूमि की घेरबाड़ का जिम्मा सौपते हुए इसके लिए प्रर्याप्त धनराशि की व्यवस्था किए जाने की मांग उठाई गई।
इस मौके पर मध्य पिण्डर रेंज थराली के वन क्षेत्राधिकारी त्रिलोक सिंह बिष्ट ने सरपंचों को सरकार के द्वारा वन पंचायतों को मजबूत करने के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जाना चाहिए। बैठक में संगठन के सचिव महिपाल सिंह, वन विभाग के खिमानन्द खंडूरी, बलवंत सिंह, सुरेंद्र सिंह, रामसिंह रावत, लक्ष्मी देवी, बलवीर सिंह, पूजा देवी, बलवंत आदि लोगों ने विचार व्यक्त किए।

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