गैंगमैन बनने को साढ़े पांच लाख इंजीनियर भी लाइन में!

सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही बेरोजगारी

  • ए खुदाओ! इन बेरोजगारों पर भी जरा नजर डालो, रेलवे के 62,907 पदों के लिये करीब ढाई करोड़ युवाओं ने किये आवेदन  
  • गैंगमैन, केबिनमैन, हेल्पर्स, कीमैन, ट्रैकमैन, वेल्डर बनने को इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व अन्य डिग्रीधारी लाखों युवा तैयार 
  • रेलवे में 62,907 पदों के लिए न्यूनतम अहर्ता दसवीं पास होने, आईटीआई या फिर नैशनल अप्रेटिंसशिप सर्टिफिकेट ही काफी 
  • इन पदों के लिए 1.9 करोड़ 10वीं पास युवाओं के साथ ही 48.48 लाख अंडर ग्रेजुएट और पीजी युवाओं ने भी किया आवेदन 

इस समय देश में सत्ताधारी दल हों या विपक्ष में बैठने वाले, सभी का ध्यान सिर्फ लोकसभा चुनावों की ओर है। सभी एक से एक बढ़कर दावे करने में जुट गये हैं। आजादी के बाद से ही देश की जनता को बहकाया जा रहा है। किसी जमाने में इंदिरा लाओ गरीबी हटाओ का नारा इस तरह फिजाओं में छा गया था कि लोगों को उम्मीद बंधने लगी थी कि देश से गरीबी मिट जाएगी। वहां से लेकर गत लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन आने वाले हैं नारा भी खूब हिट हुआ लेकिन देश की जनता पिछले पांच से अच्छे दिन आने की राह देखती ही रही और अब अगले लोकसभा चुनाव आ गये हैं। फिर नेता गण दूसरे को जमकर गरिया रहे हैं। खुद को पाक साफ बताने और दूसरे को चोर व भ्रष्टाचारी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
दूसरी ओर देश में बेरोजगारी की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा रेलवे में सबसे निचले पदों के लिए निकली भर्तियों के आवेदकों की भीड़ से लगाया जा सकता है। गैंगमैन, केबिनमैन, हेल्पर्स, कीमैन, ट्रैकमैन और वेल्डर जैसे मामूली और सबसे निचले दर्ज के पदों के लिए इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और साइंस व कॉमर्स के डिग्रीधारी युवाओं ने भी बड़ी संख्या में फार्म भरे हैं। दिलचस्प बात यह है कि रेलवे विभाग की ओर से जारी विज्ञापन में 62,907 पदों के लिए न्यूनतम योग्यता दसवीं पास, आईटीआई या फिर नेशनल अप्रेटिंसशिप सर्टिफिकेट ही रखी गई है।
देश में बेरोजगारी का क्या आलम हैं, जरा इस पर भी नजर डालिये। इन पदों के लिए 1.9 करोड़ 10वीं पास युवाओं के साथ ही 48.50 लाख अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं ने भी आवेदन किया है। रेलवे ने इनमें से करीब 75,500 आवेदकों को छांटा है। रेलवे की ओर से बीते वर्ष जारी किये गये विज्ञापन के मुताबिक इन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को 18 हजार रुपये प्रति माह वेतन के साथ अन्य भत्ते दिए जाएंगे।
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक इन पदों के लिए 4.91 लाख अंडर-ग्रेजुएट इंजीनियरों और 41 हजार मास्टर डिग्री प्राप्त इंजीनियरों ने आवेदन किया है। अंडर-ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिग्री वाले और पोस्ट ग्रेजुएट के 86 हजार छात्र—छात्राओं ने आवेदन किया है। रेलवे को लेवल-1 के इन पदों के लिए करीब ढाई करोड़ आवेदन मिले हैं। जिससे पता चलता है कि देश में बेरोजगारी सुरसा के मुंह की तरह लगातार बढ़ती जा रही है और युवाओं के भविष्य को लेकर कोई भी पार्टी संवेदनशील नहीं है। एक तरफ शिक्षा को निजी हाथों में सौंपकर इतना महंगा कर दिया गया है कि निम्न और मध्यम वर्ग आय वाले लोग बैंकों से कर्ज लेकर अपने बच्चों को किसी तरह शिक्षा दिला पा रहे हैं और जब पढ़ लिखकर बच्चे रोजगार की तलाश में निकलते हैं तो पता चलता है कि उनकी डिग्री मात्र एक कागज का टुकड़ा है और अगर वे दसवीं पास कर कोई छोटा मोटा काम भी शुरु करते तो शायद इस इंजीनियरी और अन्य प्रोफेशनल डिग्री लेने से कहीं ज्यादा बेहतर होता क्योंकि इस समय उनके उपर एजुकेशन लोन की किस्त देने का बोझ तो न होता।

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