सिस्टम पर सवाल
- परेशान लोगों ने पुलिस और नगर निगम में कई बार कीं शिकायतें, लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर से सभी ने आंखें फेरीं
- शायद किसी बड़े हादसे के बाद ही खुल पाएगी पुलिस प्रशासन की कुंभकर्णी नींद
देहरादून। आजकल देहरादून की सड़कों पर आवारा पशुओं का राज हो गया है। चाहे वो प्रेमनगर से लेकर सेलाकुई की रोड हो या फ़िर निरंजनपुर मंडी रोड से लेकर रिंग रोड का मामला हो, राजधानी की व्यस्त सड़कों के बीचोंबीच खड़े या बैठे लावारिस पशु वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिये हर वक्त खतरा बने होते हैं। जिससे शहर की सड़कें अब ख़ूनी सड़कों का रूप ले रही हैं। आये दिन इन सड़कों पर इन आवारा पशुओं की वजह से अमूमन रोज ही दुर्घटनायें हो रही हैं।
शहर के लोगों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को इस समस्या से दो—चार होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि वे कई बार इस बारे में पुलिस और नगर निगम में शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर से सभी आंख मूंदे हुए हैं। शायद उनकी कुंभकर्णी नींद तब खुलेगी, जब इन लावारिस गौवंश के कारण कोई बड़ा हादसा सामने आएगा। बीते रोज बुधवार को एक सहारनपुर रोड पर दो लड़ते हुए सांड़ आ गये जिससे बड़ी दुर्घटना होने से बाल—बाल बची।
दूसरी ओर जिम्मेदार विभाग और पुलिस प्रशासन सोया हुआ है। उसका ध्यान इस ओर है ही नहीं कि इतनी बड़ी संख्या में लावारिस गौवंश शहर में कहां से प्रकट हो गया।
और तो और नगर निगम और अन्य जिम्मेदार विभाग इनको गौशालाओं में ले जाने की व्यवस्था भी नहीं कर पा रहे हैं। शायद उनको अब सड़कों और बाड़ों में ज़्यादा फ़र्क नज़र नहीं आ रहा है।
सड़कों पर जहां तहां घूमने वाले यह पशु कई बार दुर्घटना का सबब भी बन जाते हैं। आवारा घूमने वाले पशुओं में केवल गौवंश ही नहीं बल्कि घोड़े, खच्चर से लेकर सूअर व कुत्ते तक शामिल हैं। शहर की सड़कों पर सुअरों व आवारा कुत्तों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। सड़कों पर जहां तहां लावारिस पशुओं के जमघट से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है और सड़कों पर विचरते इन पशुओं के कारण लोग चोटिल हो रहे हैं।