नैनीताल, गढ़वाल और हरिद्वार में महामुकाबला!

  • नैनीताल संसदीय सीट से हरीश रावत—अजय भट्ट, पौड़ी गढ़वाल से तीरथ सिंह रावत
  • मनीष खंडूड़ी और हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक—अंबरीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर

देहरादून। उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों में से  नैनीताल, गढ़वाल और हरिद्वार सीटों पर इस बार दिलचस्प महामुकाबला होने जा रहा है। 
गौरतलब है कि भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में नैनीताल लोकसभा सीट की 14 विधानसभाओं में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इससे राजनीति के जानकारों का मानना है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के लिए यहां से चुनावी जंग जीतना उतना मुश्किल नहीं है लेकिन कांग्रेस द्वारा यहां से पार्टी के दिग्गज नेता हरीश रावत को टिकट देने से मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। हरीश रावत की राजपूत वोटरों पर मजबूत पकड़ मानी जा रही है। दूसरी ओर इस सीट से मौजूदा सांसद भगत सिंह कोश्यारी को टिकट न देने से उनके समर्थकों में भाजपा के प्रति नाराजगी भी दिख रही है। इससे यहां भी दोनों दिग्गजों के बीच महामुकाबला माना जा रहा है।
एक अन्य घटनाक्रम में हाल ही में गढ़वाल सीट से निवर्तमान सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी पिता की परंपरागत सीट से टिकट न मिलने के आसार होने के कारण कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस ने उनको गढ़वाल लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां उनका मुकाबला करने के लिये भाजपा ने पूर्व सीएम खंडूड़ी के शिष्य माने जाने वाले तीरथ सिंह रावत को उतारा है। गौरतलब है कि जनरल खंडूड़ी इस सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। यह रोचक बात है कि इस बार उनके बेटे भाजपा की चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की ओर से इस सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस दोनों ही उम्मीदवारों का दावा है कि उन्हें जनरल खंडूड़ी का आशीर्वाद मिला हुआ है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि जनरल खंडूड़ी किसके पक्ष में मतदान करने के लिये चुनाव प्रचार में उतरेंगे। सभी लोगों की नजरें इस महामुकाबले की ओर लगी हुई हैं।
इसी प्रकार हरिद्वार लोकसभा सीट पर भाजपा ने निवर्तमान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति के तहत अंबरीश कुमार को उनके सामने खड़ा कर चुनौती पेश की है। इससे यहां भी महामुकाबले के आसार बन गये हैं। एक ओर निशंक प्रदेश के पूर्व सीएम और निवर्तमान सांसद हैं और भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं तो दूसरी ओर परंपरागत वोटरों की बदौलत अंबरीश उनके सामने चुनौती पेश करने की स्थिति में दिख रहे हैं। इससे यहां भी इन दोनों उम्मीदवारों के बीच होने वाले महामुकाबले पर राजनीति के विश्लेषकों की नजरें टिक गई हैं।

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