- राजपुर रोड स्थित एक आश्रम में है महान संत जनरल का ध्यान स्थल
- शिव बालायोगी आश्रम के आपसी विवाद में हो गयी थी विवादित सीलिंग
देहरादून। आखिरकार अपने ही देश में हुई कैद से भारतीय सेना के बहादुर जनरल को आजादी मिल ही गयी। गौरतलब है कि वर्ष 1971 में पाकिस्तान के आर्मर्ड ब्रिगेड को फतह करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल हणुत सिंह के ध्यान व समाधिस्थल को खोलने के लिए खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पहल करनी पड़ी। सील खुलवाने के बाद मुख्यमंत्री खुद भी वहां पहुंचे और आम श्रद्धालुओं व साधकों के लिए इसे नियमित रूप से खोलने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि राजपुर रोड स्थित शिव बालयोगी महाराज आश्रम परिसर में स्थित जनरल हणुत सिंह के ध्यान स्थल व समाधिस्थल को गत 10 अगस्त को तब सील कर दिया गया था, जब प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा था। अभियान के दौरान ही अचानक महावीर चक्र विजेता संत जनरल हणुत सिंह की समाधि स्थल की सीलिंग कर दी गयी थी, जिसका काफी विरोध भी हुआ था। शिव बालायोगी महाराज के अनन्य शिष्य रहे ले. जन. हणुत सिंह सेना से रिटायरमेंट के बाद साधना के लिए यहीं आश्रम में आ गये थे और शिव वालायोगी जी ने उन्हें आश्रम के पीछे के हिस्से में अपने लिए आवास बनाने को कहा था। जनरल हणुत सिंह राजस्थान की अपनी सैकड़ों एकड़ जमीनें दान देकर यहां रह कर साधना में लीन हो गये थे और 2016 में समाधि लेने तक वे यहीं रहे। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्री संत जनरल हुणत सिंह से जुड़े शिव बालयोगी महाराज आश्रम ट्रस्ट का स्थलीय निरीक्षण कर इसे आम श्रद्धालुओं तथा संत जनरल के साधकों के लिये खोलने के निर्देश दिये। इसके साथ जनरल हणुत सिंह कैद से ‘आजाद’ हो गये।
