दो विधायक भाजपा में शामिल


देर रात तक चले राजनीतिक ड्रामे का हुआ पटाक्षेप 

गोवा विधानसभा में मंगलवार देर रात बड़ी राजनीतिक उठापटक के दौरान महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दो विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर भाजपा में शामिल हो गए। दोनों विधायकों ने करीब आधी रात को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विनय तेंदुलकर की मौजूदगी में विधानसभा के उपाध्यक्ष माइकल लोबो को पत्र देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इसके साथ ही गोवा में भाजपा के 14 विधायक हो गए हैं और अब वह विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बरावर हो गई है।
माइकल लोबो ने बुधवार को कहा कि मंगलवार देर रात को 1.45 बजे राजनीतिक विभाजन करने में कुछ भी गलत नहीं है। एमजीपी के इन दोनों विधायकों के भाजपा में विलय करने का पत्र स्वीकार करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही।
गौरतलब है कि एमजीपी के कुल तीन विधायक हैं। दल बदल कानून के तहत अगर किसी पार्टी के दो तिहाई विधायक अलग होकर नई पार्टी बनाते हैं या किसी दल में शामिल होते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होता। 36 सदस्यों वाले सदन में भाजपा के अब 14 विधायक हैं। एमजीपी 2012 से ही भाजपा की सहयोगी पार्टी रही है।
स्पीकर को सौंपे गए पत्र में एकमात्र बचे जिस विधायक के दस्तखत नहीं हैं, वी अभी सरकार में सहयोगी दल के कोटे से उपमुख्यमंत्री सुदिन ढवलीकर हैं। लोबो ने एमजीपी के टूटने की पुष्टि करते हुए कहा कि दो तिहाई विधायकों ने अलग पार्टी बनाकर भाजपा में विलय कर लिया है। संविधान के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। 
गौरतलब है कि पर्रिकर के निधन के बाद गोवा विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर प्रमोद सावंत को मुख्यमंत्री चुन लिया गया था। 20 मार्च को उन्हें सदन में बहुमत साबित करना था। सरकार बचाने के लिए 19 विधायकों की जरूरत थी और सावंत को 20 विधायकों ने समर्थन दिया था। विपक्ष में 15 वोट पड़े थे। 

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