उत्तराखंड : स्टोन क्रशरों को त्रिवेंद्र सरकार ने दी बड़ी राहत, अन्य प्रदेशों से आने वाली खनिज सामग्री पर लगी रोक!

त्रिवेंद्र कैबिनेट के अहम फैसले

  • उत्तराखंड स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट हॉट मिक्स नीति 2020 के संबंध में लिया गया निर्णय
  • सरस्वती विध्या मंदिर इंटर कॉलेज श्रीकोट को निशुल्क 0.326 हेक्टेयर पट्टे की भूमि देने का फ़ैसला
  • कैम्पा योजना का प्रबंधन और नीति का ढाँचा स्वीकृत करते हुए 29 पदों को दी मंज़ूरी  
  • उद्योग धंधों में बिचौलियों का खेल खत्म, अब फ़ैक्टरी मालिक सीधा श्रमिक से कर सकेगा कांट्रैक्ट

देहरादून। आज बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये। जिनकी जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि सरस्वती विध्या मंदिर इंटर कॉलेज श्रीकोट को निशुल्क 0.326 हेक्टेयर पट्टे की भूमि देने का फ़ैसला किया गया है। कैम्पा योजना का प्रबंधन और नीति का ढाँचा स्वीकृत करते हुए 29 पदों को मंज़ूरी दी गई है। जिसमें सीईओ प्रतिनियुक्ति पर तैनात होगा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड राज्य शहरी परिवहन निधि नियमावली 2020 में परिवर्तन किया गया है। नियम छह के स्तंभ दो में बढ़ोतरी करते हुए अब सीधा पैसा ट्रेजरी में जमा होगा। पहले पैसा अलग अलग जमा होता था। कृषि मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी के सुझाव पर उत्तराखंड स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांट हॉट मिक्स नीति 2020 के संबंध में निर्णय लिया गया। पहले नदी से तीन किलोमीटर दूर स्थापित करने का था नियम। अब नई नियमावली में घटाई गई दूरी। अब
अधिकतम डेढ़ किलोमीटर की होगी दूरी।
कौशिक ने बताया कि उपखनिज भंडारण को लेकर भी नीति में संशोधन किया गया है। अब ज़िलास्तर पर होगा निर्णय। मोबाइल स्टोन क्रेशर के लिए नियम तय और रीटेल भंडारण को पाँच साल की मिली अनुमति। पहले तीन हज़ार था लाइसेन्स शुल्क, अब किया गया 25,000 रुपये। खनिज के अवैध भंडारण पर दो लाख का दंड पूर्व की भाँति भंडारण को लेकर शासन में आने वाली अपील पर अब मंडलायुक्त लेगा अंतिम निर्णय।
अन्य राज्यों से आने वाले खनिज के कच्चे माल पर रोक लगाई। उद्योग धंधों में बिचौलियो की व्यवस्था को किया गया समाप्त। अब फ़ैक्टरी मालिक विज्ञापन देकर सीधा श्रमिक से कर सकेगा कांट्रैक्ट। म्यूचूअल कॉंट्रैक्ट के चलते तीन साल, पाँच साल या ज़्यादा का हो सकेगा कॉंट्रैक्ट।
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मुख्यमंत्री राहत कोष में प्राप्त धनराशि होगी पारदर्शी। मुख्यमंत्री राहत कोष में हिसाब किताब रखने को वित्त विभाग के अधिकारी की तैनाती का मंजूरी मिल गई है।

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