वाराणसी में रचा सियासी चक्रव्यूह
- सपा, बसपा और रालोद गठबंधन ने बीएसएफ के बर्खास्त जवान को घोषित किया प्रत्याशी
- तेज बहादुर यादव ने आज सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन दाखिल किया अपना पर्चा
- मोदी के खिलाफ गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदला, शालिनी यादव वापस लेंगी नामांकन
- सियासी पंडितों का दावा, तेज बहादुर पर दांव लगाने से मोदी पर सीधे हमला करेगा गठबंधन
वाराणसी। देश की सबसे चर्चित संसदीय सीट वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा-बसपा और रालोद गठबंधन ने अपना प्रत्याशी बदलकर सियासी पंडितों को चौंका दिया है। सोमवार को पर्चा भरने के आखिरी दिन सपा के उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बना रहा। बाद में सपा की पूर्व घोषित उम्मीदवार शालिनी यादव और बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने सपा के प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया। हालांकि बाद में सपा ने स्पष्ट किया कि तेज बहादुर ही मोदी के खिलाफ उनके प्रत्याशी होंगे और शालिनी बाद में अपना पर्चा वापस लेंगी।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी तेज बहादुर यादव के साथ पर्चा दाखिल कराने पहुंचे। धूपचंडी ने दावा किया कि मोदी के खिलाफ वाराणसी में तेज बहादुर यादव सपा के प्रत्याशी होंगे। सपा की अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव अपना पर्चा वापस ले लेंगी। गौरतलब है कि तेज बहादुर इसके पहले भी पर्चा भर चुके हैं, लेकिन उनका पर्चा किसी वजह से खारिज हो गया था। बाद में उन्होंने टिकट के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात भी की। सूत्रों के मुताबिक तेज का पर्चा स्वीकार होते ही दो मई को शालिनी अपना नाम वापस ले लेंगी।
इससे पहले जब शालिनी यादव नामांकन करने के लिए कलक्ट्रेट में जुलूस लेकर पहुंचीं तो उसी समय धूपचंडी बीएसएफ के बर्खास्त जवान को लेकर नामांकन का एक सेट और दाखिल कराने पहुंच गए। दोनों प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल कर दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अगर सपा तेज पर दांव लगाती है तो वह बीएसएफ के बर्खास्त जवान की आड़ में मोदी पर सीधे हमला कर सकेगी। तेज बहादुर की बर्खास्तगी के मुद्दे को उठाकर जहां मोदी के राष्ट्रवाद के नारे को भोथरा करेगी। उधर, शालिनी के हटने से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय और मजबूती से चुनाव लड़ पाएंगे। शालिनी पहले पहले कांग्रेस में थीं और वाराणसी में मेयर के चुनाव में उन्हें 1.13 लाख वोट मिले थे।
तेज बहादुर यादव ने पिछले दिनों दावा किया था कि करीब दस हजार पूर्व सैनिक काशी आकर ‘असली’ चौकीदार के पक्ष में और ‘नकली’ चौकीदार के खिलाफ घर-घर प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा था, ‘मैं हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरा हूं। जनता को बताऊंगा कि सैनिकों का हितैषी होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री सैनिकों से किये अपने एक भी वादे पर खरे नहीं उतरे हैं।’